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भारी दबाव में फूट पड़ा चुनाव आयोग... बिहार SIR को लेकर दे दिया नया अपडेट, क्लियर किया सबकुछ

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नई दिल्ली: बिहार की मतदाता सूची संसोधन मामले में लगातार बनते दबाव के बाद आखिरकार चुनाव आयोग फूट ही पड़ा। चुनाव आयोग ने जहां अफवाह फैलाने वालों की क्लास लगा दी है तो वहीं कई कन्फ्यूजन को क्लियर भी कर दिया है। इसके साथ ही एक नया अपडेट भी दिया है। चुनाव आयोग ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कुछ लोग बिहार की मतदाता सूची संसोधन के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान (SIR) के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं। लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने साफ-साफ कहा कि हाल ही में जो लिस्ट आई है, वह सिर्फ एक ड्राफ्ट लिस्ट है। यह बात सबको बताई गई थी। लेकिन कुछ लोग ऐसा दिखा रहे हैं कि यह लिस्ट फाइनल है।



चुनाव आयोग का नया अपडेट

चुनाव आयोग ने कहा है कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) के आदेश सहित उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना बिहार की मसौदा मतदाता सूची से कोई भी नाम नहीं हटाया जा सकता। ईआरओ के किसी भी निर्णय से असंतुष्ट कोई भी मतदाता जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपील कर सकता है।



चुनाव आयोग बोला- इतना बड़ा बखेड़ा क्यों खड़ा किया जा रहा

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग ने कहा कि हम यह समझने में असमर्थ है कि जब 1 अगस्त से 1 सितंबर तक का पूरा एक महीना लोगों को किसी भी तरह की आपत्ति दर्ज कराने के लिए उपलब्ध कराया गया है तो वे अब इतना बड़ा बखेड़ा क्यों खड़ा कर रहे हैं? चुनाव आयोग ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि वे अपने 1.6 लाख BLA से 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां मंगवा सकते हैं। हमने आप लोगों को हर तरह का मौका दिया है।



चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ लोग यह दिखाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं कि ड्राफ्ट लिस्ट फाइनल लिस्ट है, जबकि SIR के आदेशों के अनुसार ऐसा नहीं है। चुनाव आयोग का यह बयान बिहार में SIR के पहले चरण के खत्म होने पर आया है।



7.24 करोड़ मतदाताओं से फॉर्म मिले हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि 36 लाख लोग या तो कहीं और चले गए हैं या वे मिले ही नहीं। आयोग ने यह भी बताया कि बिहार के सात लाख मतदाता ऐसे पाए गए हैं जिनके नाम एक से ज्यादा जगहों पर दर्ज हैं। इसका मतलब है कि कुछ लोगों ने एक से ज्यादा बार वोटर आईडी कार्ड बनवा लिया है।



कृपया गलत जानकारी न फैलाएं: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग चाहता है कि लोग गलत जानकारी न फैलाएं। उनका कहना है कि मतदाता सूची को ठीक करने के लिए अभी भी समय है। अगर किसी को कोई गलती दिखती है, तो उसे तुरंत बताना चाहिए। इससे चुनाव में गड़बड़ी होने से बचेगी। चुनाव आयोग का मकसद है कि हर सही मतदाता का नाम लिस्ट में हो और किसी भी गलत आदमी का नाम लिस्ट में न रहे। इसलिए, अगर आपको लगता है कि आपके वोटर लिस्ट में कोई गड़बड़ है, तो आप 1 सितंबर तक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। चुनाव आयोग आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार है।



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