गाजियाबाद: जिलाधिकारी के आदेश पर रेजिडेंटस वेलफेयर असोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और सोसाइटी प्रबंधकों की अनियमितताओं पर रोक लगने वाली कमिटी एक्टिव हो गई। शुक्रवार से लोग कमिटी को अपनी शिकायतें दे सकते हैं। जनता दर्शन के दौरान लगातार मिल रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि सोसाइटी मेंटिनेंस में लापरवाही या निवासियों की डराने-धमकाने जैसी हरकतों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है। इसमें सिटी मैजिस्ट्रेट, डिप्टी रजिस्ट्रार, एसीपी और क्षेत्रीय इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है।
मालूम हो कि डीएम के सामने कई मामले आए हैं, जहां सोसायटी में रहने चाले लिफ्ट का उचित मेंटिनेंस न होने के कारण परेशान है। सबसे गंभीर बात यह है कि कुछ सोसाइटी प्रबंधक या अध्यक्ष बाउंसरों की मदद से रेजिडेंट्स को डराते-धमकाते हैं, जो कि पूरी तरह से अवैध और अस्वीकार्य है। प्रशासनिक जांच में यह भी सामने आया है कि सोसाइटी की समितियों (अध्यक्ष-सचिव) की ओर से लिफ्ट का मेंटिनेंस ठीक से नहीं कराया जा रहा है। इससे बच्चों और बुजुर्गों की जान को खतरा हो रहा है।
कमिटी इन मामलों को देखेगी लिफ्ट मेटिनेंस में लापरवाही: लिफ्ट का समय पर और उचित रख-रखाव न होने के कारण सुरक्षा को खतरा।
निवासियों को धमकाना: सोसाइटी प्रबंधक या उनके बाउंसर अक्सर निवासियों के साथ दुव्यवहार करते हैं।
सुरक्षा में चूक: सोसाइटी की सुरक्षा मानकों में कमी, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा।
पार्किंग विवाद: पार्किंग से संबंधित मनमाने नियन या निवासियों के साथ अनुचित व्यवहार।
अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी: पानी, बिजली या सामान्य क्षेत्रों के रखरखाव में अनियमितता।
गाजियाबाद डीएम रविंद्र कुमार मांदड ने बताया कि सोसाइटी पदाधिकारी की लापरवाही के कारण अगर किसी निवासी की जान जाती है तो उनके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बाउंसरों का इस्तेमाल कर निवासियों को डराना या धमकाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह जनहित का बहुत बड़ा मुद्दा है। हम इस पर सख्त और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे है।
मालूम हो कि डीएम के सामने कई मामले आए हैं, जहां सोसायटी में रहने चाले लिफ्ट का उचित मेंटिनेंस न होने के कारण परेशान है। सबसे गंभीर बात यह है कि कुछ सोसाइटी प्रबंधक या अध्यक्ष बाउंसरों की मदद से रेजिडेंट्स को डराते-धमकाते हैं, जो कि पूरी तरह से अवैध और अस्वीकार्य है। प्रशासनिक जांच में यह भी सामने आया है कि सोसाइटी की समितियों (अध्यक्ष-सचिव) की ओर से लिफ्ट का मेंटिनेंस ठीक से नहीं कराया जा रहा है। इससे बच्चों और बुजुर्गों की जान को खतरा हो रहा है।
कमिटी इन मामलों को देखेगी लिफ्ट मेटिनेंस में लापरवाही: लिफ्ट का समय पर और उचित रख-रखाव न होने के कारण सुरक्षा को खतरा।
निवासियों को धमकाना: सोसाइटी प्रबंधक या उनके बाउंसर अक्सर निवासियों के साथ दुव्यवहार करते हैं।
सुरक्षा में चूक: सोसाइटी की सुरक्षा मानकों में कमी, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा।
पार्किंग विवाद: पार्किंग से संबंधित मनमाने नियन या निवासियों के साथ अनुचित व्यवहार।
अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी: पानी, बिजली या सामान्य क्षेत्रों के रखरखाव में अनियमितता।
गाजियाबाद डीएम रविंद्र कुमार मांदड ने बताया कि सोसाइटी पदाधिकारी की लापरवाही के कारण अगर किसी निवासी की जान जाती है तो उनके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बाउंसरों का इस्तेमाल कर निवासियों को डराना या धमकाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह जनहित का बहुत बड़ा मुद्दा है। हम इस पर सख्त और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे है।
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