नई दिल्ली: दिल्ली में इस साल दिवाली पर शोर ज्यादा रहा, क्योंकि प्रतिबंधों के बावजूद ज्यादातर इलाकों में ध्वनि का स्तर स्वीकार्य सीमा को पार कर गया। पिछले वर्षों की तुलना में रात में ध्वनि की डेसिबल सीमा ज्यादा रही।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आंकड़ों के अनुसार शहर के 26 सक्रिय ध्वनि निगरानी केंद्रों में से 23 ने स्वीकार्य सीमा से अधिक ध्वनि स्तर की सूचना दी है। पिछले वर्ष 22 केंद्रों से स्वीकार्य सीमा से अधिक ध्वनि स्तर की सूचना मिली थी, तथा 2023 में यह आंकड़ा 13 था।
करोल बाग इलाके में सबसे ज्यादा रहा शोर
शहर के सबसे व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक करोल बाग दिवाली की रात लगभग 11 बजे, सबसे अधिक शोर वाला क्षेत्र बन गया, जहां डेसिबल का स्तर 93.5 डीबी (ए) के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। हालांकि यह पिछले साल के 94.5 डीबी (ए) से थोड़ा कम था, फिर भी पूरे दिन इलाके में शोर रहा, जो रात के समय की 55 डीबी (ए) की सीमा को पार कर गया। रात का औसत शोर स्तर 88.4 डीबी (ए) रहा, जो 2024 के 88.7 डीबी (ए) से लगभग अपरिवर्तित है।
आधी रात के बाद भी दर्ज की गई तेज आवाजें
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के ध्वनि निगरानी केंद्रों को चार क्षेत्रों-शांत, आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक में विभाजित किया गया है। इनकी अधिकतम स्वीकार्य सीमा शांत क्षेत्रों में रात में 40 डीबी (ए) से लेकर औद्योगिक क्षेत्रों में 70 डीबी (ए) तक है। रात नौ बजे से 11 बजे के बीच सबसे तेज पटाखे फोड़ने की आवाज दर्ज की गई। कई इलाकों में आधी रात के बाद भी तेज आवाजें दर्ज की गईं।
बवाना में 77.9 डीबी पहुंच गया था स्तर
श्री अरबिंदो मार्ग पर औसत ध्वनि स्तर 65 डीबी(ए) तक पहुंच गया, जबकि रात 9 बजे अधिकतम ध्वनि स्तर 75.7 डीबी(ए) तक पहुंच गया- जो रात के समय की मान्य सीमा से लगभग दोगुना है। बवाना में महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के पास रात आठ बजे के आसपास ध्वनि का स्तर 77.9 डीबी(ए) के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के 2022 के आदेश में प्राधिकारों को निर्देश दिया गया है कि वे ध्वनि प्रदूषण को वायु प्रदूषण के समान मानें तथा यह सुनिश्चित करें कि दोनों पर काबू के लिए उपायों को एक साथ लागू किया जाए।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आंकड़ों के अनुसार शहर के 26 सक्रिय ध्वनि निगरानी केंद्रों में से 23 ने स्वीकार्य सीमा से अधिक ध्वनि स्तर की सूचना दी है। पिछले वर्ष 22 केंद्रों से स्वीकार्य सीमा से अधिक ध्वनि स्तर की सूचना मिली थी, तथा 2023 में यह आंकड़ा 13 था।
करोल बाग इलाके में सबसे ज्यादा रहा शोर
शहर के सबसे व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक करोल बाग दिवाली की रात लगभग 11 बजे, सबसे अधिक शोर वाला क्षेत्र बन गया, जहां डेसिबल का स्तर 93.5 डीबी (ए) के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। हालांकि यह पिछले साल के 94.5 डीबी (ए) से थोड़ा कम था, फिर भी पूरे दिन इलाके में शोर रहा, जो रात के समय की 55 डीबी (ए) की सीमा को पार कर गया। रात का औसत शोर स्तर 88.4 डीबी (ए) रहा, जो 2024 के 88.7 डीबी (ए) से लगभग अपरिवर्तित है।
आधी रात के बाद भी दर्ज की गई तेज आवाजें
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के ध्वनि निगरानी केंद्रों को चार क्षेत्रों-शांत, आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक में विभाजित किया गया है। इनकी अधिकतम स्वीकार्य सीमा शांत क्षेत्रों में रात में 40 डीबी (ए) से लेकर औद्योगिक क्षेत्रों में 70 डीबी (ए) तक है। रात नौ बजे से 11 बजे के बीच सबसे तेज पटाखे फोड़ने की आवाज दर्ज की गई। कई इलाकों में आधी रात के बाद भी तेज आवाजें दर्ज की गईं।
बवाना में 77.9 डीबी पहुंच गया था स्तर
श्री अरबिंदो मार्ग पर औसत ध्वनि स्तर 65 डीबी(ए) तक पहुंच गया, जबकि रात 9 बजे अधिकतम ध्वनि स्तर 75.7 डीबी(ए) तक पहुंच गया- जो रात के समय की मान्य सीमा से लगभग दोगुना है। बवाना में महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के पास रात आठ बजे के आसपास ध्वनि का स्तर 77.9 डीबी(ए) के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के 2022 के आदेश में प्राधिकारों को निर्देश दिया गया है कि वे ध्वनि प्रदूषण को वायु प्रदूषण के समान मानें तथा यह सुनिश्चित करें कि दोनों पर काबू के लिए उपायों को एक साथ लागू किया जाए।
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