नई दिल्ली: 'ऑपरेशन सिंदूर' का चेहरा बनीं कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान के साथ हुए 4 दिवसीय संघर्ष में युवाओं और इंटरनेट की भूमिका को स्वीकार किया।कर्नल सोफिया कुरैशी ने यंग लीडर्स फोरम में कहा कि युद्ध अब सिर्फ बंकरों और गोलियों से नहीं, बल्कि 'बाइट्स और बैंडविड्थ'से भी लड़ा जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिकों की भी राष्ट्रीय सुरक्षा में अहम भूमिका होती है और वे देशभक्ति की 'ज्वाला'को जलाए रखते हैं। बता दें कि कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने 8, 9 और 10 मई को विदेश सचिव विक्रम मिसरी के नेतृत्व में कई प्रेस ब्रीफिंग में भाग लिया था।   
   
कर्नल कुरैशी ने बताया कि देश की रक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ सेना की नहीं है, बल्कि नागरिक भी बाहरी और आंतरिक खतरों से निपटने में योगदान देते हैं। उन्होंने भारतीय सेना की ओर से 'शास्त्र' (ज्ञान, रणनीति और बुद्धिमत्ता) और 'शस्त्र' (हथियार और युद्ध) में प्रशिक्षण का उल्लेख किया, जो बुद्धि और शक्ति का मिश्रण है।
     
'हर पीढ़ी ने देशभक्ति की लौ को जलाए रखा'कर्नल कुरैशी ने कहा कि हर पीढ़ी ने देशभक्ति की लौ को जलाए रखा है, चाहे वह बेबी बूमर्स हों या जेन जेड। उन्होंने कहा, 'चाहे 7 दशक पहले की बात हो या ऑपरेशन सिंदूर की, आप सबने इसे देखा है। आप, 'युवा शक्ति ऑफ भारत', आप ही फोर्स मल्टीप्लायर हैं। आप सिर्फ फायरपावर में ही नहीं, बल्कि फायरवॉल में भी प्रशिक्षित हैं। आप काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक डोमेन का सामना करने के लिए तैयार हैं। युद्ध सिर्फ बंकरों या गोलियों से नहीं लड़ा जाता, बल्कि बाइट्स और बैंडविड्थ से भी लड़ा जाता है।'
     
   
   
'ऑपरेशन सिंदूर ने युद्ध के तरीके में बड़ा बदलाव लाया'उन्होंने आगे बताया कि ऑपरेशन सिंदूर ने युद्ध के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाया है। इसने शांति, स्थिरता और प्रगति में युवाओं की भूमिका को उजागर किया है। भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है, जहां 65% से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है, जो जेन जेड से संबंधित है। यह सिर्फ एक जनसांख्यिकीय आकंड़ा नहीं है, बल्कि भारत का रणनीतिक भंडार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि युवाओं ने वर्दी में और नागरिक के तौर पर, राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पहले, चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युवा सैन्य अधिकारियों, नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेटों और 'सोशल मीडिया वॉरियर्स' के योगदान की सराहना की थी।
   
ऑपरेशन सिंदूर कब शुरू हुआ? भारत ने बीती 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के जवाब में पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। भारत की कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने भारतीय DGMO को फोन किया और 10 मई की शाम 5 बजे से युद्धविराम पर सहमति बनी, जैसा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया था।
कर्नल कुरैशी ने बताया कि देश की रक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ सेना की नहीं है, बल्कि नागरिक भी बाहरी और आंतरिक खतरों से निपटने में योगदान देते हैं। उन्होंने भारतीय सेना की ओर से 'शास्त्र' (ज्ञान, रणनीति और बुद्धिमत्ता) और 'शस्त्र' (हथियार और युद्ध) में प्रशिक्षण का उल्लेख किया, जो बुद्धि और शक्ति का मिश्रण है।
'हर पीढ़ी ने देशभक्ति की लौ को जलाए रखा'कर्नल कुरैशी ने कहा कि हर पीढ़ी ने देशभक्ति की लौ को जलाए रखा है, चाहे वह बेबी बूमर्स हों या जेन जेड। उन्होंने कहा, 'चाहे 7 दशक पहले की बात हो या ऑपरेशन सिंदूर की, आप सबने इसे देखा है। आप, 'युवा शक्ति ऑफ भारत', आप ही फोर्स मल्टीप्लायर हैं। आप सिर्फ फायरपावर में ही नहीं, बल्कि फायरवॉल में भी प्रशिक्षित हैं। आप काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक डोमेन का सामना करने के लिए तैयार हैं। युद्ध सिर्फ बंकरों या गोलियों से नहीं लड़ा जाता, बल्कि बाइट्स और बैंडविड्थ से भी लड़ा जाता है।'
"War not only fought in bunkers, but also with bites, bandwidths": Col Sofiya Qureshi highlights role of youth during Op Sindoor
— ANI Digital (@ani_digital) October 31, 2025
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'ऑपरेशन सिंदूर ने युद्ध के तरीके में बड़ा बदलाव लाया'उन्होंने आगे बताया कि ऑपरेशन सिंदूर ने युद्ध के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाया है। इसने शांति, स्थिरता और प्रगति में युवाओं की भूमिका को उजागर किया है। भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है, जहां 65% से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है, जो जेन जेड से संबंधित है। यह सिर्फ एक जनसांख्यिकीय आकंड़ा नहीं है, बल्कि भारत का रणनीतिक भंडार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि युवाओं ने वर्दी में और नागरिक के तौर पर, राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पहले, चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युवा सैन्य अधिकारियों, नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेटों और 'सोशल मीडिया वॉरियर्स' के योगदान की सराहना की थी।
ऑपरेशन सिंदूर कब शुरू हुआ? भारत ने बीती 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के जवाब में पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। भारत की कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने भारतीय DGMO को फोन किया और 10 मई की शाम 5 बजे से युद्धविराम पर सहमति बनी, जैसा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया था।
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