नई दिल्ली: तू डाल-डाल, मैं पात-पात। यह कहावत इन दिनों पंजाब में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर सही साबित हो रही है। जहां पहले भारत द्वारा पाकिस्तानी तस्करों के ड्रोन रोकने के लिए जो एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया था। पाकिस्तानी तस्करों ने इसका तोड़ ढूंढते हुए चाइनीज डीजेआई मविक-3 क्लासिक और एआईआर-35 ड्रोन की जगह इस ड्रोन का अपग्रेड वर्जन डीजेआई मविक-4 प्रो इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। जो की बीएसएफ के एंटी ड्रोन सिस्टम द्वारा गिराए जाने से पहले ही पाकिस्तान की तरफ भाग जाता है। लेकिन बीएसएफ और पंजाब पुलिस जल्द ही इसका भी तोड़ निकाल रही है। ताकि बॉर्डर पर पाकिस्तान की इस चाल को फेल कर सकें।
सूत्रों ने बताया कि पंजाब में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से इस साल 13 अक्टूबर तक 200 ड्रोन पकड़े गए। जबकि 2024 में पाकिस्तान की तरफ से भारत भेजे गए 294 ड्रोन पकड़े गए थे। इनमें से अधिकतर मविक-3 क्लासिक और एआईआर-35 ड्रोन थे। जिसे बॉर्डर पर लगे भारतीय एंटी ड्रोन सिस्टम फ्रीक्वेंसी जाम करके गिरा पाने में कामयाब हो रहे थे। लेकिन यह देखकर पाकिस्तानी तस्करों ने इसका अपग्रेड वर्जन मविक-4 प्रो ड्रोन भेजना शुरू कर दिया।
हालांकि, इन ड्रोन में से भी कुछ ड्रोन को बीएसएफ और पंजाब पुलिस के नए अपग्रेड किए गए एंटी ड्रोन सिस्टम ने गिराया है। लेकिन अभी भी इनमें से अधिकतर ड्रोन को पाकिस्तान फ्रीक्वेंस जाम होने का संदेह होते ही अपने इलाके में वापस बुला लेता है। जिससे अभी इन्हें बहुत अधिक संख्या में गिराया नहीं जा पा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि यह मविक-4 प्रो ड्रोन पहले वाले ड्रोन से अधिक वजन और अधिक समय तक उड़ान भर सकता है। इसकी बैटरी फुल होने पर यह एक साथ 51 मिनट तक उड़ान भर सकता है। जबकि वजन भी पहले वाले से लगभग डबल ले जा सकता है। इससे जहां पहले पाकिस्तानी तस्कर ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स और हथियार भेजने के लिए अधिक उड़ान भरते थे। वहीं अब इन ड्रोन का इस्तेमाल कर आधी उड़ान से ही उनका काम चल जा रहा है।
चाइनीज ड्रोन का इस्तेमाल लेकिन, यह भी है कि यह ड्रोन पहले से कहीं अधिक महंगा भी है। यह ड्रोन चाइनीज हैं। जिनके पकड़े जाने पर जब भारतीय एफएसएल में इनकी जांच हुई तो पता लगा कि कुछ ड्रोन ने चीन में भी उड़ान भरी थी। मामले में एक अधिकारी ने बताया कि जल्द ही हम पाकिस्तान की इस चाल को भी फेल कर देंगे। कुछ ही दिनों में हमने भी अपनी तकनीक को अपग्रेड करके पांच-छह मविक-4 प्रो ड्रोन गिराए हैं। अभी इस पर और काम चल रहा है। इसके बाद फिर एक भी मविक-4 प्रो हमसे बचकर पाकिस्तान वापस नहीं लौट पाएगा।
सूत्रों ने बताया कि पंजाब में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से इस साल 13 अक्टूबर तक 200 ड्रोन पकड़े गए। जबकि 2024 में पाकिस्तान की तरफ से भारत भेजे गए 294 ड्रोन पकड़े गए थे। इनमें से अधिकतर मविक-3 क्लासिक और एआईआर-35 ड्रोन थे। जिसे बॉर्डर पर लगे भारतीय एंटी ड्रोन सिस्टम फ्रीक्वेंसी जाम करके गिरा पाने में कामयाब हो रहे थे। लेकिन यह देखकर पाकिस्तानी तस्करों ने इसका अपग्रेड वर्जन मविक-4 प्रो ड्रोन भेजना शुरू कर दिया।
हालांकि, इन ड्रोन में से भी कुछ ड्रोन को बीएसएफ और पंजाब पुलिस के नए अपग्रेड किए गए एंटी ड्रोन सिस्टम ने गिराया है। लेकिन अभी भी इनमें से अधिकतर ड्रोन को पाकिस्तान फ्रीक्वेंस जाम होने का संदेह होते ही अपने इलाके में वापस बुला लेता है। जिससे अभी इन्हें बहुत अधिक संख्या में गिराया नहीं जा पा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि यह मविक-4 प्रो ड्रोन पहले वाले ड्रोन से अधिक वजन और अधिक समय तक उड़ान भर सकता है। इसकी बैटरी फुल होने पर यह एक साथ 51 मिनट तक उड़ान भर सकता है। जबकि वजन भी पहले वाले से लगभग डबल ले जा सकता है। इससे जहां पहले पाकिस्तानी तस्कर ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स और हथियार भेजने के लिए अधिक उड़ान भरते थे। वहीं अब इन ड्रोन का इस्तेमाल कर आधी उड़ान से ही उनका काम चल जा रहा है।
चाइनीज ड्रोन का इस्तेमाल लेकिन, यह भी है कि यह ड्रोन पहले से कहीं अधिक महंगा भी है। यह ड्रोन चाइनीज हैं। जिनके पकड़े जाने पर जब भारतीय एफएसएल में इनकी जांच हुई तो पता लगा कि कुछ ड्रोन ने चीन में भी उड़ान भरी थी। मामले में एक अधिकारी ने बताया कि जल्द ही हम पाकिस्तान की इस चाल को भी फेल कर देंगे। कुछ ही दिनों में हमने भी अपनी तकनीक को अपग्रेड करके पांच-छह मविक-4 प्रो ड्रोन गिराए हैं। अभी इस पर और काम चल रहा है। इसके बाद फिर एक भी मविक-4 प्रो हमसे बचकर पाकिस्तान वापस नहीं लौट पाएगा।
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