Next Story
Newszop

MP में सिस्टम का कमाल: जन्म लेते ही बच्ची बनी आंगनवाड़ी सहायिका तो 15 की उम्र वाली बनी कार्यकर्ता! लापरवाही उजागर

Send Push
सिंगरौलीः अजब एमपी के ऐसे गजब कारनामे सामने आते हैं जिसे देखकर हर कोई हैरत में पड़ सकता है। प्रदेश में जितना सरकारी विभाग की लचर व्यवस्था है उतना शायद अन्य प्रदेशों में नहीं है। इसीलिए तो इस प्रदेश को अजब गजब की उपाधि से नवाजा गया है। अब फिर एक ऐसा मामला सामने आया है। इसने यहां के सरकारी सिस्टम में बड़ी गलती की पोल खोल दी है।





दरअसल, यहां के सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था की वजह से जन्म लेते ही नन्ही परी को आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दे दी गई। इतना ही नहीं 15 साल की किशोरी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई है। यह सुनकर चौंकिये मत यह मध्यप्रदेश है यहां कुछ भी हो सकता है।





जानिए क्या है पूरा मामला

चौंकाने वाला मामला सिंगरौली जिले के धानी गांव का है। चितरंगी ब्लॉक के इस गांव में एक आंगनवाड़ी केंद्र है। यहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पचवती की पोस्टिंग डेट सरकारी पोर्टल में 22 जुलाई 1988 दर्ज की गई है। हैरानी ये नहीं है। चौंकाने वाली बात ये है कि उनकी डेट ऑफ बर्थ 10/10/1973 डाली हुई है। यानी 15 साल की उम्र में ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्त मिल गई।





नन्ही परी बन गई आंगनवाड़ी सहायिका

इसके साथ ही वहां की सहायिका को लेकर तो भी बड़ी चौंकाने वाली जानकारी है। सहायिका सोनकली देवी की नियुक्ति 22 जुलाई 1988 को होती है। वहीं, उनकी सरकारी पोर्टल पर उम्र भी 22 जुलाई 1988 डली हुई है। यह सुनकर हर कोई हैरान है और कह रहे हैं कि सबकुछ कैसे संभव हो सकता है। लेकिन यह सच है और सरकारी पोर्टल में भी इसका प्रमाण मौजूद है। इस जानकारी के बाहर आने के बाद सरकारी सिस्टम की किरकिरी हो रही है।





इस मामले को लेकर अधिकारी सफाई देते नजर आ रहे हैं। सिंगरौली महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। कंप्यूटर ऑपरेटर की लापरवाही की वजह से यह गलत फीड हो गया है। इसे जल्द ही सुधार कर अपडेट कर दिया जायेगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस तरह की लचर व्यवस्था से कब तक विभाग सरकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में सफल हो पायेगा।

Loving Newspoint? Download the app now