Next Story
Newszop

धन्यवाद जज साहब... 'हुड़दंगी' वकील को नहीं दी जमानत, दिल्ली हाईकोर्ट का ये फैसला नजीर बनेगा

Send Push
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक वकील को रोड रेज के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि 'दिन दहाड़े हिंसा' के लिए जमानत देना समाज को गलत संदेश देगा। इससे लगेगा कि वकील होने की वजह से आरोपी बच गया। जस्टिस गिरीश कठपालिया ने गुरुवार को यह आदेश देते हुए कहा, 'कानून के सामने सब बराबर हैं। अगर वकील को छूट दी गई तो वकालत के पेशे को बदनाम किया जाएगा।' आरोपी और उसके भाई ने फरवरी में दोपहिया वाहन से देवली रोड जा रहे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर पर हमला किया था। आरोपी के भाई के राजनीतिक संबंध हैं। पीड़ित को चोटें आईं थीं, जिसे आरोपी ने मात्र ‘रोड रेज’ की घटना बताया था। अदालत ने हालांकि इस बात से असहमति जताई कि यह मात्र ‘रोड रेज’ का मामला था और आरोपी और उसके भाई की ओर से ‘सार्वजनिक स्थान पर दिनदहाड़े की गई हिंसा की भयावहता को पूरी तरह से समझने के लिए’ सीसीटीवी फुटेज का हवाला दिया। जस्टिस ने कहा कि पीड़ित को सिर में भी चोट लगी थी, जो घातक हो सकती थी।अदालत ने कहा कि ‘रोड रेज’ सिर्फ रोड रेज नहीं है क्योंकि इसके कई व्यापक परिणाम होते हैं, जैसे पीड़ित को शारीरिक चोट और मानसिक आघात और कई बार मौत भी हो जाती है। अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में आरोपी, वकील और राजनीतिक संगठन के अध्यक्ष थे, जिससे नुकसान बहुत अधिक हुआ क्योंकि ये दोनों ही समाज के जिम्मेदार सदस्य हैं और उन्हें कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का ध्यान रखना होगा। अदालत ने जांच अधिकारी द्वारा हमले में इस्तेमाल हथियार को बरामद करने और मामले की जांच के लिए आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता पर गौर करते हुए कहा कि यह अग्रिम जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।
Loving Newspoint? Download the app now