नई दिल्ली: गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक 'फूलवालों की सैर' इस साल डीडीए से इजाजत न मिलने के कारण रद्द हो गया है। 1812 से हो रही 'फूलवालों की सैर' के इस साल न होने के मामले में डीडीए ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि डीडीए ने वन विभाग से ऐतराज पर इजाजत नहीं दी है।
सरकारी एजेंसियों ने दिया पूरा सहयोग
अंजुमन सैर-ए-गुल फरोशन सोसायटी की जनरल सेक्रेटरी ऊषा कुमार ने कहा कि 1962 से सभी सरकारी एजेंसियों ने हमें पूरा सहयोग दिया है लेकिन पिछले साल डीडीए ने आम बाग में झूला मेले के लिए अनुमति नहीं दी। इस साल भी उसने अनुमति नहीं दी। इस आयोजन के एक ऑर्गेनाइजर ने बताया कि यह आयोजन मुगलों के जमाने से होता आ रहा है।
पिछले साल भी की थी आनाकानी
महरौली पार्क के आम बाग में यह मेला लगता है, झूले लगते हैं, जो एक बगीचा है, न कि जंगल। पिछले साल भी इजाजत में दिक्कत आई थी लेकिन फिर भी आयोजन हुआ था। पर इस साल परमिशन नहीं दी गई, जबकि कई लेटर हमारी ओर से विभागों को भेजे गए।
एक दूसरे पर डालते हैं अपना काम
उन्होंने बताया कि डीडीए कहता है कि यह वन विभाग के हाथ में है, वन विभाग कहता है कि यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के तहत है, इसलिए उनके हाथ में नहीं है। 'बता दें कि 'फूलवालों की सैर' में हेरिटेज वॉक भी होती है। हेरिटेज वॉक कराने वाले आसिफ खान देहलवी ने बताया, यह हैरानी की बात है कि यह कैंसल हो गया। हालांकि, हम हेरिटेज वॉक रविवार को करवाएंगे, जो मंदिर से होते हुए दरगाह तक निकलेगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बंद करना निराशाजनक
कांग्रेस दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि 200 साल से भी ज्यादा समय से हर साल आयोजित होने वाले 'फूल वालो की सैर' उत्सव के आयोजन की इजाजत मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की संकुचित मानसिकता की वजह से नहीं दी गई। कार्यक्रम डीडीए और वन विभाग की प्रशासनिक पेंच के बीच फंस कर रह गया और इसे रद्द करना पड़ा। इस पर बीजेपी का कोई नेता कुछ भी कहने से बच रहा है। बीजेपी अपनी बुनियादी जिम्मेदारी निभाने में असफल तो रही ही है, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बंद करना बेहद निराशाजनक है।
सरकारी एजेंसियों ने दिया पूरा सहयोग
अंजुमन सैर-ए-गुल फरोशन सोसायटी की जनरल सेक्रेटरी ऊषा कुमार ने कहा कि 1962 से सभी सरकारी एजेंसियों ने हमें पूरा सहयोग दिया है लेकिन पिछले साल डीडीए ने आम बाग में झूला मेले के लिए अनुमति नहीं दी। इस साल भी उसने अनुमति नहीं दी। इस आयोजन के एक ऑर्गेनाइजर ने बताया कि यह आयोजन मुगलों के जमाने से होता आ रहा है।
पिछले साल भी की थी आनाकानी
महरौली पार्क के आम बाग में यह मेला लगता है, झूले लगते हैं, जो एक बगीचा है, न कि जंगल। पिछले साल भी इजाजत में दिक्कत आई थी लेकिन फिर भी आयोजन हुआ था। पर इस साल परमिशन नहीं दी गई, जबकि कई लेटर हमारी ओर से विभागों को भेजे गए।
एक दूसरे पर डालते हैं अपना काम
उन्होंने बताया कि डीडीए कहता है कि यह वन विभाग के हाथ में है, वन विभाग कहता है कि यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के तहत है, इसलिए उनके हाथ में नहीं है। 'बता दें कि 'फूलवालों की सैर' में हेरिटेज वॉक भी होती है। हेरिटेज वॉक कराने वाले आसिफ खान देहलवी ने बताया, यह हैरानी की बात है कि यह कैंसल हो गया। हालांकि, हम हेरिटेज वॉक रविवार को करवाएंगे, जो मंदिर से होते हुए दरगाह तक निकलेगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बंद करना निराशाजनक
कांग्रेस दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि 200 साल से भी ज्यादा समय से हर साल आयोजित होने वाले 'फूल वालो की सैर' उत्सव के आयोजन की इजाजत मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की संकुचित मानसिकता की वजह से नहीं दी गई। कार्यक्रम डीडीए और वन विभाग की प्रशासनिक पेंच के बीच फंस कर रह गया और इसे रद्द करना पड़ा। इस पर बीजेपी का कोई नेता कुछ भी कहने से बच रहा है। बीजेपी अपनी बुनियादी जिम्मेदारी निभाने में असफल तो रही ही है, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बंद करना बेहद निराशाजनक है।
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