नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले को देश अभी तक नहीं भूला है। आतंकी हमले का ये पैटर्न भारत ने इससे पहले कभी नहीं देखा। लेकिन अब पाकिस्तान की इस हैवानियत का सच सबके सामने आने जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की चार्जशीट जल्द ही कोर्ट में दाखिल कर सकती है।
इस चार्जशीट में लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ 3 पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने वाले दो स्थानीय (पहलगाम) लोगों के नाम भी होंगे। दरअसल, जम्मू की एक अदालत ने आतंकी हमले की जांच पूरी करने के लिए 18 सितंबर को 45 दिनों का समय दिया था, जो इस हफ्ते खत्म हो रहा है। एनआईए ने सितंबर में जम्मू की एक अदालत से जांच पूरी करने के लिए निर्धारित 90 दिनों के समय से 45 दिन आगे का समय मांगा था, जिसे अदालत ने 18 सितंबर को स्वीकार कर लिया था।
कस्टडी बढ़ाने की मांग करेगी NIA!हालांकि, NIA ने चार्जशीट को लेकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। जांच एजेंसी ने यह नहीं बताया है कि क्या वह जांच पूरी करने के लिए और समय मांगेंगी या पहलगाम के दो स्थानीय नागरिकों बशीर अहमद जोथर और परवेज अहमद जोथर की न्यायिक हिरासत को बढ़ाने की मांग करेगी। पहलगाम के इन नागरिकों को तीन पाकिस्तानी आतंकियों सुलेमान शाह, हमजा अफगानी उर्फ अफगान और जिब्रान को शरण देने के आरोप में जून में गिरफ्तार किया गया था।
आतंकियों को झोपड़ी में दी थी पनाहजांच एजेंसी से जुड़े एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दोनों से हाल ही में (18 अक्तूबर) जम्मू की अम्फला जेल में फिर से पूछताछ की गई थी, ताकि जांच पूरी करने के उद्देश्य से उनसे कुछ सबूतों के बारे में जानकारी हासिल की जा सके। जल्द ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा। बशीर और परवेज जोथर को पहलगाम हमले के लगभग दो महीने बाद 22 जून को गिरफ्तार किया गया था। दोनों ने हमले से पहले हिल पार्क स्थित एक मौसमी ढोक (झोपड़ी) में तीन हथियारबंद आतंकवादियों को पनाह दी थी। इस हमले में 25 पर्यटक और एक टट्टू संचालक मारे गए थे।
मोबाइल से पाकिस्तानी नंबर बरामदअधिकारी ने बताया कि एनआईए को बशीर और परवेज जोथर के फोन नंबरों से कुछ पाकिस्तानी संपर्क नंबर मिले हैं, जो पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए अहम हैं। इसके अलावा, शाह, जिबरान और अफगान से बरामद फोन नंबरों की जांच गांधी नगर स्थित राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय ने की है। जांच के दौरान, कुछ और संदिग्धों के नाम और अतिरिक्त सुराग सामने आए हैं, जिनकी पुष्टि आरोपियों और अन्य ओजीडब्ल्यू (ओवरग्राउंड वर्कर्स) की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए जरूरी है।
लश्कर ए तैयबा से जुड़े थे आतंकीबता दें कि पहलगाम के बैसरन मैदान में 22 अप्रैल को 25 पर्यटकों और एक टट्टू संचालक की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने 28 जुलाई को दाचीगाम वन क्षेत्र में मार गिराया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जुलाई को संसद में पुष्टि की कि आतंकवादी पाकिस्तान से थे और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े थे। जांच से वाकिफ एक दूसरे सरकारी अधिकारी ने बताया कि आरोप पत्र में लश्कर और उसके सहयोगी संगठन टीआरएफ का नाम शामिल किया जाएगा।
इस चार्जशीट में लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ 3 पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने वाले दो स्थानीय (पहलगाम) लोगों के नाम भी होंगे। दरअसल, जम्मू की एक अदालत ने आतंकी हमले की जांच पूरी करने के लिए 18 सितंबर को 45 दिनों का समय दिया था, जो इस हफ्ते खत्म हो रहा है। एनआईए ने सितंबर में जम्मू की एक अदालत से जांच पूरी करने के लिए निर्धारित 90 दिनों के समय से 45 दिन आगे का समय मांगा था, जिसे अदालत ने 18 सितंबर को स्वीकार कर लिया था।
कस्टडी बढ़ाने की मांग करेगी NIA!हालांकि, NIA ने चार्जशीट को लेकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। जांच एजेंसी ने यह नहीं बताया है कि क्या वह जांच पूरी करने के लिए और समय मांगेंगी या पहलगाम के दो स्थानीय नागरिकों बशीर अहमद जोथर और परवेज अहमद जोथर की न्यायिक हिरासत को बढ़ाने की मांग करेगी। पहलगाम के इन नागरिकों को तीन पाकिस्तानी आतंकियों सुलेमान शाह, हमजा अफगानी उर्फ अफगान और जिब्रान को शरण देने के आरोप में जून में गिरफ्तार किया गया था।
आतंकियों को झोपड़ी में दी थी पनाहजांच एजेंसी से जुड़े एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दोनों से हाल ही में (18 अक्तूबर) जम्मू की अम्फला जेल में फिर से पूछताछ की गई थी, ताकि जांच पूरी करने के उद्देश्य से उनसे कुछ सबूतों के बारे में जानकारी हासिल की जा सके। जल्द ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा। बशीर और परवेज जोथर को पहलगाम हमले के लगभग दो महीने बाद 22 जून को गिरफ्तार किया गया था। दोनों ने हमले से पहले हिल पार्क स्थित एक मौसमी ढोक (झोपड़ी) में तीन हथियारबंद आतंकवादियों को पनाह दी थी। इस हमले में 25 पर्यटक और एक टट्टू संचालक मारे गए थे।
मोबाइल से पाकिस्तानी नंबर बरामदअधिकारी ने बताया कि एनआईए को बशीर और परवेज जोथर के फोन नंबरों से कुछ पाकिस्तानी संपर्क नंबर मिले हैं, जो पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए अहम हैं। इसके अलावा, शाह, जिबरान और अफगान से बरामद फोन नंबरों की जांच गांधी नगर स्थित राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय ने की है। जांच के दौरान, कुछ और संदिग्धों के नाम और अतिरिक्त सुराग सामने आए हैं, जिनकी पुष्टि आरोपियों और अन्य ओजीडब्ल्यू (ओवरग्राउंड वर्कर्स) की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए जरूरी है।
लश्कर ए तैयबा से जुड़े थे आतंकीबता दें कि पहलगाम के बैसरन मैदान में 22 अप्रैल को 25 पर्यटकों और एक टट्टू संचालक की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने 28 जुलाई को दाचीगाम वन क्षेत्र में मार गिराया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जुलाई को संसद में पुष्टि की कि आतंकवादी पाकिस्तान से थे और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े थे। जांच से वाकिफ एक दूसरे सरकारी अधिकारी ने बताया कि आरोप पत्र में लश्कर और उसके सहयोगी संगठन टीआरएफ का नाम शामिल किया जाएगा।
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