नई दिल्ली: आज के समय खेती एक जबरदस्त प्रॉफिट वाला बिजनस बनता जा रहा है। काफी लोग अपनी मोटी सैलरी वाली कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर खेती कर रहे हैं और जॉब से ज्यादा कमा रहे हैं। इन्हीं में एक नाम छत्तीसगढ़ की स्मृति चंद्राकर का भी शामिल है। स्मृति ने अपनी कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर पारिवारिक खेती शुरू की। आज उनका टर्नओवर डेढ़ करोड़ रुपये का है। साथ ही वह अपने खेतों में 125 लोगों को रोजगार भी दे रही हैं।
स्मृति कहती हैं, 'कौन कहता है कि खेती में फायदा नहीं होता? लोग सोचते हैं कि ये छोटा काम है और इसमें कमाई नहीं है। लेकिन ये सच नहीं है।' स्मृति छत्तीसगढ़ के एक गांव में एक किसान परिवार में पली-बढ़ी। उनका बचपन अपने पिता और दादा के साथ हरे-भरे धान के खेतों में बीता, जहां उन्होंने जीवन और खेती के बारे में अपने पहले सबक सीखे।
5 साल तक की कॉर्पोरेट नौकरीस्मृति ने रायपुर में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद वह पुणे चली गईं और वहां से MBA किया। एमबीए करने के बाद उन्होंने पुणे में पांच साल तक एक कंपनी में जॉब की। बाद में उन्होंने अपने परिवार के करीब रहने के लिए रायपुर जाने का फैसला किया।
ऐसे की शुरुआतरायपुर आने के बाद स्मृति हर हफ्ते अपने गांव जाती थीं। वो अपने परिवार के साथ खेत पर काम करती थीं। धीरे-धीरे उसने धान की खेती के बारे में सीखा। वो और उनका परिवार खाने के समय ये बात करते थे कि खेती को कैसे बेहतर बनाया जाए और ज्यादा पैसा कैसे कमाया जाए।
स्मृति को लगा कि धान की खेती से ज्यादा फायदा सब्जी उगाने में है। इसलिए उसने अपनी जमीन पर सब्जी उगाना शुरू कर दिया। इससे उसे बहुत फायदा हुआ। फिर उसने 20 एकड़ जमीन पर सब्जी की खेती शुरू कर दी और 2021 में नौकरी छोड़कर पूरी तरह से किसान बन गईं।
टमाटर बेचकर मोटी कमाईपिछले कुछ वर्षों में स्मृति ने खेती से अच्छी कमाई की है। साल 2024 में स्मृति ने बताया था कि प्रति एकड़ करीब 50 टन टमाटर का प्रोडक्शन होता है। इससे उनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये है। स्मृति बताती हैं कि चावल और गेहूं जैसी पारंपरिक फसल तैयार होने में लंबा समय लगता है। वहीं इतने समय में सब्जी की खेती कई फसलें देती है। इससे कमाई भी ज्यादा होती है।
आज कई फसल उगाती हैंस्मृति बताती हैं कि उन्होंने खेती सीधे शुरू नहीं की। सबसे पहले जमीन को सही से तैयार किया गया। इसके लिए उन्होंने एक कृषि सलाहकार से मदद मांगी। स्मृति ने गाय के गोबर और वर्मीकम्पोस्ट से मिट्टी को उपजाऊ बनाया। टमाटर के अलावा वह लौकी, खीरा और बैंगन भी उगाती हैं।
स्मृति कहती हैं, 'कौन कहता है कि खेती में फायदा नहीं होता? लोग सोचते हैं कि ये छोटा काम है और इसमें कमाई नहीं है। लेकिन ये सच नहीं है।' स्मृति छत्तीसगढ़ के एक गांव में एक किसान परिवार में पली-बढ़ी। उनका बचपन अपने पिता और दादा के साथ हरे-भरे धान के खेतों में बीता, जहां उन्होंने जीवन और खेती के बारे में अपने पहले सबक सीखे।
5 साल तक की कॉर्पोरेट नौकरीस्मृति ने रायपुर में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद वह पुणे चली गईं और वहां से MBA किया। एमबीए करने के बाद उन्होंने पुणे में पांच साल तक एक कंपनी में जॉब की। बाद में उन्होंने अपने परिवार के करीब रहने के लिए रायपुर जाने का फैसला किया।
ऐसे की शुरुआतरायपुर आने के बाद स्मृति हर हफ्ते अपने गांव जाती थीं। वो अपने परिवार के साथ खेत पर काम करती थीं। धीरे-धीरे उसने धान की खेती के बारे में सीखा। वो और उनका परिवार खाने के समय ये बात करते थे कि खेती को कैसे बेहतर बनाया जाए और ज्यादा पैसा कैसे कमाया जाए।
स्मृति को लगा कि धान की खेती से ज्यादा फायदा सब्जी उगाने में है। इसलिए उसने अपनी जमीन पर सब्जी उगाना शुरू कर दिया। इससे उसे बहुत फायदा हुआ। फिर उसने 20 एकड़ जमीन पर सब्जी की खेती शुरू कर दी और 2021 में नौकरी छोड़कर पूरी तरह से किसान बन गईं।
टमाटर बेचकर मोटी कमाईपिछले कुछ वर्षों में स्मृति ने खेती से अच्छी कमाई की है। साल 2024 में स्मृति ने बताया था कि प्रति एकड़ करीब 50 टन टमाटर का प्रोडक्शन होता है। इससे उनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये है। स्मृति बताती हैं कि चावल और गेहूं जैसी पारंपरिक फसल तैयार होने में लंबा समय लगता है। वहीं इतने समय में सब्जी की खेती कई फसलें देती है। इससे कमाई भी ज्यादा होती है।
आज कई फसल उगाती हैंस्मृति बताती हैं कि उन्होंने खेती सीधे शुरू नहीं की। सबसे पहले जमीन को सही से तैयार किया गया। इसके लिए उन्होंने एक कृषि सलाहकार से मदद मांगी। स्मृति ने गाय के गोबर और वर्मीकम्पोस्ट से मिट्टी को उपजाऊ बनाया। टमाटर के अलावा वह लौकी, खीरा और बैंगन भी उगाती हैं।
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