Google will know Age by Search History: ब्रिटेन ने हाल ही में एक सख्त कानून लागू किया था, जिसके तहत इंटरनेट पर अश्लील सामग्री देखने से पहले यूजर को अपनी उम्र वेरीफाई करनी होगी। ये लॉ इसलिए लाया गया ताकि बच्चे ऐसे कंटेंट से दूर रहें और उनके मानसिक विकास पर नेगेटिव असर ना पड़े। लेकिन ब्रिटेन द्वारा लाया गया यह कानून कुछ खास प्रभावी साबित नहीं हो रहा, क्योंकि लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके जरिए कोई भी इंटरनेट यूज करते हुए यह दिखा सकता है कि वह किसी दूसरे देश में बैठा है, जहां कंटेंट प्रतिबंधित नहीं है या उसे उम्र वेरीफाई करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अब इस समस्या से निपटने के लिए गूगल ने एक तरीका खोज लिया है, वह खुद ही पता लगा लेगा कि यूजर की उम्र कितनी है?
गूगल खुद देख लेगा, किसकी उम्र कितनीगूगल ने एक तरकीब निकाली है। वियर्ड डॉट कॉम की मानें तो अब वह AI की मदद से यूजर्स की उम्र का अनुमान खुद-ब-खुद ही लगा लेगा। यह सिस्टम गूगल सर्च और यूट्यूब पर लागू होगा, ताकि बच्चे गलत कंटेंट ना देख सकें। फिलहाल ये सिस्टम European Union में लागू हो सकता है, क्योंकि यहां पर डिजिटल सुरक्षा के सख्त नियम बन चुके हैं। गूगल का कहना है कि यह सिस्टम यूजर्स के ब्राउजिंग डेटा और बाकी जानकारी के आधार पर उम्र का अंदाजा लगा लेगा।
एक्सपर्ट्स का मानना- गलतियां कर सकता है यह सिस्टमहालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गूगल का यह नया सिस्टम गलतियां कर सकता है। इसमें ट्रांसपेरेंसी को लेकर भी सवाल उठ सकते हैं। लेकिन दूसरी ओर, गूगल का कहना है कि यह बदलाव बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। ब्रिटेन सरकार द्वारा लाए गए नियम से भी कुछ एक्स्पर्ट्स खफा हैं, उनका कहना है कि उम्र के सत्यापन के लिए दस्तावेज सबमिट करने होंगे, जो एक तरह से निजता का हनन हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि उनके निजी डेटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है या फिर इसे किसी को बेचा भी जा सकता है।
गूगल ने ये तर्क भी दिया हैगूगल का कहना है कि वह सिर्फ यूजर्स के इनपुट डेटा के आधार पर ही उनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगाएगा, बल्कि 'Variety of Signals' और बाकी मेटाडेटा को भी प्रोसेस करेगा। इसी के बाद यह तय करेगा कि यूजर्स को प्रतिबंधित कंटेंट दिखाना चाहिए या नहीं। गूगल का ये सिस्टम फिलहाल सभी देशों पर लागू नहीं होगा, चुनिंदा देशों पर यह काम करेगा।
गूगल खुद देख लेगा, किसकी उम्र कितनीगूगल ने एक तरकीब निकाली है। वियर्ड डॉट कॉम की मानें तो अब वह AI की मदद से यूजर्स की उम्र का अनुमान खुद-ब-खुद ही लगा लेगा। यह सिस्टम गूगल सर्च और यूट्यूब पर लागू होगा, ताकि बच्चे गलत कंटेंट ना देख सकें। फिलहाल ये सिस्टम European Union में लागू हो सकता है, क्योंकि यहां पर डिजिटल सुरक्षा के सख्त नियम बन चुके हैं। गूगल का कहना है कि यह सिस्टम यूजर्स के ब्राउजिंग डेटा और बाकी जानकारी के आधार पर उम्र का अंदाजा लगा लेगा।
एक्सपर्ट्स का मानना- गलतियां कर सकता है यह सिस्टमहालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गूगल का यह नया सिस्टम गलतियां कर सकता है। इसमें ट्रांसपेरेंसी को लेकर भी सवाल उठ सकते हैं। लेकिन दूसरी ओर, गूगल का कहना है कि यह बदलाव बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। ब्रिटेन सरकार द्वारा लाए गए नियम से भी कुछ एक्स्पर्ट्स खफा हैं, उनका कहना है कि उम्र के सत्यापन के लिए दस्तावेज सबमिट करने होंगे, जो एक तरह से निजता का हनन हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि उनके निजी डेटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है या फिर इसे किसी को बेचा भी जा सकता है।
गूगल ने ये तर्क भी दिया हैगूगल का कहना है कि वह सिर्फ यूजर्स के इनपुट डेटा के आधार पर ही उनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगाएगा, बल्कि 'Variety of Signals' और बाकी मेटाडेटा को भी प्रोसेस करेगा। इसी के बाद यह तय करेगा कि यूजर्स को प्रतिबंधित कंटेंट दिखाना चाहिए या नहीं। गूगल का ये सिस्टम फिलहाल सभी देशों पर लागू नहीं होगा, चुनिंदा देशों पर यह काम करेगा।
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