बालाघाट: नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में    पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है, जहां 12 साल बाद एक माओवादी ने आत्मसमर्पण किया है। बीजापुर की 23 वर्षीय इनामी महिला माओवादी सुनीता पिता विसरू ने शुक्रवार देर रात इंसास रायफल और 3 मैगजीन के साथ बालाघाट के पितकोना पुलिस चौकी अंतर्गत चौरिया कैंप में हथियार डाल दिए हैं। सुनीता फरवरी 2025 से बालाघाट में सक्रिय थी और सेंट्रल कमेटी के प्रमुख सदस्य सीसीएम रामधेर की सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रही थी।   
   
2013 में हुआ था सरेंडर
इससे पहले साल 2013 में मलाजखंड टाडा दलम के माओवादी बीरसिंह उर्फ मुक्का ने बालाघाट पुलिस के सामने सरेंडर किया था। मिशन 2026 को लेकर यह बालाघाट पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। आईजी बालाघाट रेंज संजय कुमार ने महिला माओवादी के आत्मसमर्पण की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सुनीता एमएमसी मेंबर के रूप में दलम में सक्रिय थी और माओवादी एसीएम पद पर रहते हुए सेंट्रल कमेटी के प्रमुख सदस्य सीसीएम रामधेर की सुरक्षा गार्ड रह चुकी है।
   
बीजापुर की रहने वाली है सुनीता
सुनीता छत्तीसगढ़ के वीरमन इंद्रावती क्षेत्र के बीजापुर की रहने वाली है। माड़ क्षेत्र में छह महीने का प्रशिक्षण लेने के बाद उसने सेंट्रल कमेटी के सदस्य माओवादी रामधेर के सुरक्षा गार्ड के रूप में इंद्रावती और माड़ क्षेत्र में कार्य किया। सीसीएम माओवादी रामधेर की 11 सदस्यी टीम के साथ सुनीता दर्रेकसा क्षेत्र पहुंची थी। बालाघाट पुलिस माओवादियों को सरेंडर कराने के लिए छत्तीसगढ़ के सरेंडर्ड टॉप लीडर्स की फोटो लगाकर प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है। इस रणनीति के तहत पुलिस को यह सफलता मिली है।
   
मिशन 2026 को लेकर बड़ी सफलता
छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मध्य प्रदेश के बालाघाट में भी माओवादियों ने मुख्यधारा में लौटना शुरू कर दिया है। यह घटनाक्रम इस बात का संकेत देता है कि माओवादी गतिविधियों में कमी आ रही है और आत्मसमर्पण की प्रक्रिया तेज हो रही है। यह आत्मसमर्पण मिशन 2026 को लेकर बालाघाट पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है। पुलिस इस सफलता को आगे भी जारी रखने के लिए प्रयासरत है। महिला माओवादी सुनीता के आत्मसमर्पण की प्रक्रिया अभी जारी है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
  
2013 में हुआ था सरेंडर
इससे पहले साल 2013 में मलाजखंड टाडा दलम के माओवादी बीरसिंह उर्फ मुक्का ने बालाघाट पुलिस के सामने सरेंडर किया था। मिशन 2026 को लेकर यह बालाघाट पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। आईजी बालाघाट रेंज संजय कुमार ने महिला माओवादी के आत्मसमर्पण की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सुनीता एमएमसी मेंबर के रूप में दलम में सक्रिय थी और माओवादी एसीएम पद पर रहते हुए सेंट्रल कमेटी के प्रमुख सदस्य सीसीएम रामधेर की सुरक्षा गार्ड रह चुकी है।
बीजापुर की रहने वाली है सुनीता
सुनीता छत्तीसगढ़ के वीरमन इंद्रावती क्षेत्र के बीजापुर की रहने वाली है। माड़ क्षेत्र में छह महीने का प्रशिक्षण लेने के बाद उसने सेंट्रल कमेटी के सदस्य माओवादी रामधेर के सुरक्षा गार्ड के रूप में इंद्रावती और माड़ क्षेत्र में कार्य किया। सीसीएम माओवादी रामधेर की 11 सदस्यी टीम के साथ सुनीता दर्रेकसा क्षेत्र पहुंची थी। बालाघाट पुलिस माओवादियों को सरेंडर कराने के लिए छत्तीसगढ़ के सरेंडर्ड टॉप लीडर्स की फोटो लगाकर प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है। इस रणनीति के तहत पुलिस को यह सफलता मिली है।
मिशन 2026 को लेकर बड़ी सफलता
छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मध्य प्रदेश के बालाघाट में भी माओवादियों ने मुख्यधारा में लौटना शुरू कर दिया है। यह घटनाक्रम इस बात का संकेत देता है कि माओवादी गतिविधियों में कमी आ रही है और आत्मसमर्पण की प्रक्रिया तेज हो रही है। यह आत्मसमर्पण मिशन 2026 को लेकर बालाघाट पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है। पुलिस इस सफलता को आगे भी जारी रखने के लिए प्रयासरत है। महिला माओवादी सुनीता के आत्मसमर्पण की प्रक्रिया अभी जारी है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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