श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक डॉक्टर को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। गुजरात के एक डॉक्टर को तीन पिस्तौल और जैविक हथियार, राइसिन बनाने के संसाधनों के साथ गिरफ्तार किया गया। हरियाणा के फरीदाबाद से 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट सहित 2,900 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ। दो असॉल्ट राइफलें बरामद हुईं। तीसरे व्यक्ति को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद की प्रशंसा में पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ये सारा घटनाक्रम
रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक हुआ। तीन गिरफ्तारियों और भारी मात्रा में बरामद विस्फोटक ने हर किसी को हिला दिया, लेकिन सोमवार रात होते-होते दिल्ली में लाल किले के पास ब्लास्ट हुआ।
हरियाणा नंबर प्लेट वाली एक हुंडई i20 कार - HR26 CE 7674 - लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट 1 पर सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर आकर फट गई। इस धमाके में दस लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग घायल हैं।
आतंकवादियों की गिरफ्तारी का दिल्ली ब्लास्ट लिंक?खुफिया एजेंसियों से लेकर पुलिस तक मामले में जांच कर रही है। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि इन घटनाक्रम के तार आपस में जुड़े नजर आ रहे हैं। मामले में चार डॉक्टर्स का लिंक मिला। तीन पुलिस की गिरफ्त में हैं और चौथा डॉक्टर ह्यूमन बम बनकर कार में ब्लास्ट हो गया। उस डॉक्टर का एक टोल से गुजरते हुए सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। एनआईए और एनएसजी के फ़ोरेंसिक वैज्ञानिकों और आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञों के साथ-साथ दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा जांच में जुटी है।
गुजरात के डॉक्टर के पास क्या-क्या मिला
गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने रविवार को राज्य की राजधानी गांधीनगर के पास अदलाज कस्बे से डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद को गिरफ्तार किया। सैयद के पास से तीन पिस्तौलें, दो ऑस्ट्रियाई निर्मित ग्लॉक पिस्तौलें और एक इतालवी निर्मित बेरेटा, साथ ही इन हथियारों के लिए गोला-बारूद भी बरामद हुआ।
पुलिस ने चार लीटर अरंडी का तेल भी बरामद किया, जो एक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला और आसानी से उपलब्ध उत्पाद है और जिसका उपयोग राइसिन बनाने के लिए भी किया जा सकता है। राइसिन एक अत्यधिक विषैला पदार्थ जो शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करके और आवश्यक प्रोटीन के उत्पादन को रोककर जानलेवा होता है, जिससे वेन डेड और ऑर्गन फेल होता है।
खतरनाक प्लानिंग कर रहा था गुजरात का डॉक्टरइससे भी बदतर, राइसिन को पाउडर या धुंध के रूप में हथियार बनाया जा सकता है (अर्थात, इसे एरोसोल में बदला जा सकता है)। गुजरात एटीएस सूत्रों ने बताया कि हो सकता है कि डॉक्टर दिल्ली, लखनऊ या अहमदाबाद में किसी संवेदनशील जगह पर ज़हर-आधारित आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहा हो। गुजरात एटीएस के उप-महानिरीक्षक सुनील जोशी ने कहा कि उसने पहले ही ज़रूरी शोध शुरू कर दिया था, उपकरण और कच्चा माल हासिल कर लिया था, और शुरुआती रासायनिक एक्सपैरिमेंट शुरू कर दिया था।
इस्लामिक स्टेट-खोरासान लिंकशुरुआती पूछताछ से पता चलता है कि सैय्यद एक हाई एजुकेडेट लेकिन कट्टरपंथी शख्स था। उसने बड़े आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साज़िश के तहत धन इकट्ठा करने और लोगों की भर्ती करने की योजना बनाई थी। उसके इस्लामिक स्टेट-खोरासान प्रांत से भी संबंध थे, जो बड़े इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह की एक क्षेत्रीय शाखा है। खोरासान विशेष रूप से क्रूर हमलों के लिए जाना जाता है। इस्लामिक स्टेट-खोरासान 2016 में काबुल में हुए एक आत्मघाती बम विस्फोट भी शामिल है जिसमें 97 लोग मारे गए थे और 2018 में पाकिस्तान में हुए दो और बम विस्फोटों में 131 लोग मारे गए थे।
अमोनियम नाइट्रेट की बरामदगी
इसी बीच, लगभग उसी समय, जम्मू-कश्मीर की पुलिस हरियाणा के फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल शकील से जुड़े दो आवासीय भवनों पर छापेमारी की। भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ बरामद किए। इसमें 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और डेटोनेटर - और असॉल्ट राइफलें और गोला-बारूद शामिल थे।
फरीदाबाद में एक्शन
फरीदाबाद के अल-फ़लाह अस्पताल में काम करने वाले डॉ. शकील इस ऑपरेशन में गिरफ्तार होने वाले जम्मू-कश्मीर के दूसरे डॉक्टर थे। कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद राठेर को गिरफ्तार किया गया था। सीसीटीवी फुटेज में उनकी पहचान उन दो लोगों में से एक के रूप में हुई थी जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के नौगाम में प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद की प्रशंसा में पोस्टर लगाए थे।
लखनऊ तक पहुंची आंचबाद में एक तीसरी डॉक्टर शाहीन शाहिद को भी गिरफ्तार कर लिया गया। यह डॉक्टर उत्तर प्रदेश के लखनऊ से पकड़ी गई। पुलिस ने कहा कि शाहिद ने शकील को अपनी कार, मारुति सुजुकी स्विफ्ट में एक असॉल्ट राइफल और कुछ गोला-बारूद रखने की अनुमति दी थी। शकील के घर से बरामद अमोनियम नाइट्रेट, इस्तेमाल किए गए विस्फोटक के आधार पर, 100 मीटर के दायरे में विस्फोट कर सकता था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक दूसरी टीम अनंतनाग ज़िले के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्रवाई कर रही थी, जहां आदिल पिछले साल अक्टूबर तक काम करता था। और उसे आवंटित एक लॉकर में पुलिस को एक असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद मिला। दिल्ली में विस्फोट वाली कार का एक मालिक तारिक नाम का व्यक्ति था, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले का रहने वाला था। कार का असली मालिक सलमान पुलिस हिरासत में है।
रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक हुआ। तीन गिरफ्तारियों और भारी मात्रा में बरामद विस्फोटक ने हर किसी को हिला दिया, लेकिन सोमवार रात होते-होते दिल्ली में लाल किले के पास ब्लास्ट हुआ।
हरियाणा नंबर प्लेट वाली एक हुंडई i20 कार - HR26 CE 7674 - लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट 1 पर सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर आकर फट गई। इस धमाके में दस लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग घायल हैं।
आतंकवादियों की गिरफ्तारी का दिल्ली ब्लास्ट लिंक?खुफिया एजेंसियों से लेकर पुलिस तक मामले में जांच कर रही है। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि इन घटनाक्रम के तार आपस में जुड़े नजर आ रहे हैं। मामले में चार डॉक्टर्स का लिंक मिला। तीन पुलिस की गिरफ्त में हैं और चौथा डॉक्टर ह्यूमन बम बनकर कार में ब्लास्ट हो गया। उस डॉक्टर का एक टोल से गुजरते हुए सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। एनआईए और एनएसजी के फ़ोरेंसिक वैज्ञानिकों और आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञों के साथ-साथ दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा जांच में जुटी है।
गुजरात के डॉक्टर के पास क्या-क्या मिला
गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने रविवार को राज्य की राजधानी गांधीनगर के पास अदलाज कस्बे से डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद को गिरफ्तार किया। सैयद के पास से तीन पिस्तौलें, दो ऑस्ट्रियाई निर्मित ग्लॉक पिस्तौलें और एक इतालवी निर्मित बेरेटा, साथ ही इन हथियारों के लिए गोला-बारूद भी बरामद हुआ।
पुलिस ने चार लीटर अरंडी का तेल भी बरामद किया, जो एक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला और आसानी से उपलब्ध उत्पाद है और जिसका उपयोग राइसिन बनाने के लिए भी किया जा सकता है। राइसिन एक अत्यधिक विषैला पदार्थ जो शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करके और आवश्यक प्रोटीन के उत्पादन को रोककर जानलेवा होता है, जिससे वेन डेड और ऑर्गन फेल होता है।
खतरनाक प्लानिंग कर रहा था गुजरात का डॉक्टरइससे भी बदतर, राइसिन को पाउडर या धुंध के रूप में हथियार बनाया जा सकता है (अर्थात, इसे एरोसोल में बदला जा सकता है)। गुजरात एटीएस सूत्रों ने बताया कि हो सकता है कि डॉक्टर दिल्ली, लखनऊ या अहमदाबाद में किसी संवेदनशील जगह पर ज़हर-आधारित आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहा हो। गुजरात एटीएस के उप-महानिरीक्षक सुनील जोशी ने कहा कि उसने पहले ही ज़रूरी शोध शुरू कर दिया था, उपकरण और कच्चा माल हासिल कर लिया था, और शुरुआती रासायनिक एक्सपैरिमेंट शुरू कर दिया था।
इस्लामिक स्टेट-खोरासान लिंकशुरुआती पूछताछ से पता चलता है कि सैय्यद एक हाई एजुकेडेट लेकिन कट्टरपंथी शख्स था। उसने बड़े आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साज़िश के तहत धन इकट्ठा करने और लोगों की भर्ती करने की योजना बनाई थी। उसके इस्लामिक स्टेट-खोरासान प्रांत से भी संबंध थे, जो बड़े इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह की एक क्षेत्रीय शाखा है। खोरासान विशेष रूप से क्रूर हमलों के लिए जाना जाता है। इस्लामिक स्टेट-खोरासान 2016 में काबुल में हुए एक आत्मघाती बम विस्फोट भी शामिल है जिसमें 97 लोग मारे गए थे और 2018 में पाकिस्तान में हुए दो और बम विस्फोटों में 131 लोग मारे गए थे।
अमोनियम नाइट्रेट की बरामदगी
इसी बीच, लगभग उसी समय, जम्मू-कश्मीर की पुलिस हरियाणा के फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल शकील से जुड़े दो आवासीय भवनों पर छापेमारी की। भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ बरामद किए। इसमें 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और डेटोनेटर - और असॉल्ट राइफलें और गोला-बारूद शामिल थे।
फरीदाबाद में एक्शन
फरीदाबाद के अल-फ़लाह अस्पताल में काम करने वाले डॉ. शकील इस ऑपरेशन में गिरफ्तार होने वाले जम्मू-कश्मीर के दूसरे डॉक्टर थे। कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद राठेर को गिरफ्तार किया गया था। सीसीटीवी फुटेज में उनकी पहचान उन दो लोगों में से एक के रूप में हुई थी जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के नौगाम में प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद की प्रशंसा में पोस्टर लगाए थे।
लखनऊ तक पहुंची आंचबाद में एक तीसरी डॉक्टर शाहीन शाहिद को भी गिरफ्तार कर लिया गया। यह डॉक्टर उत्तर प्रदेश के लखनऊ से पकड़ी गई। पुलिस ने कहा कि शाहिद ने शकील को अपनी कार, मारुति सुजुकी स्विफ्ट में एक असॉल्ट राइफल और कुछ गोला-बारूद रखने की अनुमति दी थी। शकील के घर से बरामद अमोनियम नाइट्रेट, इस्तेमाल किए गए विस्फोटक के आधार पर, 100 मीटर के दायरे में विस्फोट कर सकता था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक दूसरी टीम अनंतनाग ज़िले के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्रवाई कर रही थी, जहां आदिल पिछले साल अक्टूबर तक काम करता था। और उसे आवंटित एक लॉकर में पुलिस को एक असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद मिला। दिल्ली में विस्फोट वाली कार का एक मालिक तारिक नाम का व्यक्ति था, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले का रहने वाला था। कार का असली मालिक सलमान पुलिस हिरासत में है।
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