कर्नाटक के छोटे-से कस्बे कोडागु से ताल्लुक रखने वाली रश्मिका मंदाना ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वह ग्लैमर की दुनिया पर राज करेंगी। एक समय था, जब वह लिटरेचर, साइंस और जर्नलिज्म की पढ़ाई में व्यस्त थीं और अपनी ही दुनिया में मस्त। लेकिन किस्मत ने उनका रुख फिल्मों की ओर मोड़ दिया।कन्नड़ और तमिल फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत करने वाली रश्मिका जब 'पुष्पा: द राइज' में नजर आईं, तो रातों-रात 'नेशनल क्रश' बन गईं। जल्दी ही पैन इंडिया स्टार के तौर पर पहचानी जाने वाली रश्मिका की 'थामा' ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा-खासा बिजनेस किया। उनसे एक विशेष बातचीत:
आपने कभी एक्टिंग में आने की योजना नहीं बनाई थी, लेकिन आज आप देश की टॉप एक्ट्रेसेस में गिनी जाती हैं। इसका श्रेय आप किसे देती हैं?
-सच कहूं तो इंडस्ट्री का हिस्सा बनना कभी मेरे प्लान का हिस्सा नहीं था। लेकिन पीछे मुड़कर देखती हूं तो लगता है ये सफर कितना खूबसूरत रहा है। मैं उन सभी की आभारी हूं, जिन्होंने इस सफर में मेरा साथ दिया। सबसे पहले मेरा परिवार, जिन्होंने हमेशा मुझे दिल की सुनने, आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित किया और हर मोड़ पर मेरा साथ दिया। हर निर्देशक, को-स्टार और टीम से मैंने कुछ न कुछ सीखा है, जिसने मुझे लगातार आगे बढ़ाया। और सबसे ऊपर, मेरे चाहने वाले फैन, उनका प्यार और समर्थन मुझे हर दिन नई चुनौतियां लेने और रोमांचक किरदार निभाने की प्रेरणा देता है। सच में, उनकी ऊर्जा इस पूरे सफर को जादुई बना देती है।
'पुष्पा' के बाद आपने सचमुच 'पैन इंडिया स्टार' शब्द को लोकप्रिय बना दिया। पैन-इंडिया सुपरस्टार कहलाना कैसा लगता है?
-बहुत प्यारा लगता है। सच कहूं तो अभी भी उस अहसास को पूरी तरह महसूस कर रही हूं। ये सब दर्शकों के अपार प्यार का नतीजा है और इसके लिए मैं दिल से आभारी हूं। मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि आप सबका प्यार ही मेरी ताकत है। मैं हर दिन अपना बेस्ट देने की कोशिश करती हूं और आगे जो प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं, उन्हें लेकर बेहद उत्साहित हूं।
छोटे से कस्बे कोडागु से आकर आज आप सुपरस्टार बन चुकी हैं। छोटे शहर और कस्बों से आने वाली उन युवा लड़कियों के लिए क्या संदेश देना चाहेंगी जो आपके रास्ते पर चलना चाहती हैं?
- मैं हमेशा यही कहती हूं कि अगर मैं कर सकती हूं तो कोई भी कर सकता है। जो भी आपका सपना हो, खुद पर विश्वास रखिए और आगे बढ़िए। रास्ता आसान नहीं होगा, लेकिन अगर दिल में ठान लिया तो आधी जीत वहीं से शुरू हो जाती है।
आपने अल्लू अर्जुन, रणबीर कपूर, विक्की कौशल जैसे बड़े कलाकारों के साथ काम किया है। उनसे आपने क्या सीखा?
-हर कलाकार से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। अल्लू सर हों, रणबीर हों या विक्की, हर किसी का काम करने का तरीका अलग है। मैंने उनसे छोटे-छोटे सबक सीखे हैं जिन्हें मैं हमेशा अपने साथ लेकर चलती हूं। अल्लू अर्जुन सर के साथ हमारी एनर्जी बहुत अच्छी तरह मिलती है, इसलिए हमें काम के दौरान बहुत कंफर्टेबल महसूस होता है। रणबीर की बात करूं, तो हम लोगों को इधर-उधर की बातें पसंद नहीं आतीं, हम लोग अपने रोल्स और काम पर ध्यान देते हैं। एक चीज जो मुझे उनकी बहुत पसंद है, वो यह है कि उनका जो क्राफ्ट है, वो पूरी इंडस्ट्री को दर्शाता है। जबकि विक्की के साथ काम करते हुए सेट पर मैं यही सोचती थी कि ये इंसान तो कमाल का है।
आपकी नैचुरल एक्टिंग और सादगी भरे लुक्स को लोग बहुत पसंद करते हैं। क्या ये आपकी निजी पसंद है या निर्देशक का विजन?
-यह बहुत प्यारा कॉम्प्लिमेंट है, धन्यवाद। सच कहूं तो मैं सेट पर पूरी तरह अपने निर्देशक पर भरोसा करती हूं। उनका विजन ही फिल्म की आत्मा होता है। हमारा काम है उस विजन को जीवंत करना। जब आपकी मेहनत और उनका विज़न मिलते हैं, तभी जादू परदे पर उतरता है।
इतनी शोहरत के बीच आपको जमीन से जुड़े रहने में कौन मदद करता है?
-मेरे परिवार और दोस्त। वो मेरे काम की सराहना करते हैं, लेकिन हमारे बीच एक अलग दुनिया है, जहां मैं वही 'रुशी' हूं जो फिल्मों से पहले थी। यही मुझे सबसे ज्यादा सुकून देता है। परिवार मेरे लिए हर तरह से अहमियत रखता है। यह हमेशा पहले स्थान पर आता है। परिवार ही तो होता है, जिसके साथ आप पले-बढ़े होते हैं। वह आपके साथ वर्तमान में भी होता है और भविष्य में भी आपका साथ निभाता है। मैं अपने परिवार में किसके करीब हूं, यह एक ऐसा पहलू है, जिसे मैं उजागर नहीं करती। मैं अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन को अपने तक सीमित रखना चाहती हूं। आम तौर पर आप लोगों ने देखा ही होगा कि मैं अपने परिवार और दोस्तों से जुड़ी पोस्ट भी सोशल मीडिया पर साझा कम ही करती हूं, क्योंकि ये सभी लोग मेरे दिल के बेहद करीब हैं।
आपका परिवार आपकी स्टारडम को कैसे देखता है?
- वो मुझे हमेशा उसी तरह ट्रीट करते हैं जैसे पहले करते थे। उनके लिए मैं आज भी वही बेटी हूं वही रुशी। यही सबसे प्यारी बात है घर लौटने की। देखिए, कमाल की बात है कि हीरोइन बनने के बारे में मैंने सोचा नहीं था और न ही मेरे परिवार का ऐसा कोई ड्रीम था। मैं 11वीं और 12वीं में भी आर्ट की छात्रा थी, तो जब मैं साहित्य, मनोविज्ञान और पत्रकारिता की पढ़ाई करने लगी तब मुझे समझ में आया कि यह करने में तो मुझे बहुत मजा आ रहा है। हीरोइन बनना मेरे सपनों से भी परे था। मैंने सोचा था कि मेरे ग्रैजुएशन की पढ़ाई के बाद मैं घर जाकर अपने पापा के बिजनेस में मदद करूंगी, मगर किस्मत ने मुझे कहीं और ही पहुंचा दिया। मैं एंटरटेनमेंट फील्ड में आ गई। आज जब मैं हीरोइन बन गई हूं, तो मेरे परिवार के लिए कुछ भी नहीं बदला।
फिल्मों के अलावा छोटी-छोटी कौन-सी चीजें आपको खुशी देती हैं?
-मुझे सबसे ज्यादा खुशी मिलती है जब लोग एक-दूसरे के साथ दयालुता और सम्मान से पेश आते हैं। यह बहुत दुर्लभ है, लेकिन यही मुझे सबसे प्यारी चीज लगती है।
अगर आपकी जिंदगी पर फिल्म बने तो उसका टाइटल क्या होगा?
- 'काइंडनेस बिफोर ऑल' या फिर 'शी वॉन्टेड इट, शी गॉट इट।'
आपका गिल्टी प्लेजर फूड क्या है?
- (हंसते हुए) डेजर्ट! मैं इसे कभी मना नहीं कर पाती।
आपकी फैशन और स्टाइल हमेशा चर्चा में रहती है। आपका पर्सनल स्टाइल मंत्र क्या है?
-मेरा सबसे बड़ा मंत्र है, 'मिनिमल लुक, लेकिन मैक्सिमम इम्पैक्ट।'
आपने कभी एक्टिंग में आने की योजना नहीं बनाई थी, लेकिन आज आप देश की टॉप एक्ट्रेसेस में गिनी जाती हैं। इसका श्रेय आप किसे देती हैं?
-सच कहूं तो इंडस्ट्री का हिस्सा बनना कभी मेरे प्लान का हिस्सा नहीं था। लेकिन पीछे मुड़कर देखती हूं तो लगता है ये सफर कितना खूबसूरत रहा है। मैं उन सभी की आभारी हूं, जिन्होंने इस सफर में मेरा साथ दिया। सबसे पहले मेरा परिवार, जिन्होंने हमेशा मुझे दिल की सुनने, आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित किया और हर मोड़ पर मेरा साथ दिया। हर निर्देशक, को-स्टार और टीम से मैंने कुछ न कुछ सीखा है, जिसने मुझे लगातार आगे बढ़ाया। और सबसे ऊपर, मेरे चाहने वाले फैन, उनका प्यार और समर्थन मुझे हर दिन नई चुनौतियां लेने और रोमांचक किरदार निभाने की प्रेरणा देता है। सच में, उनकी ऊर्जा इस पूरे सफर को जादुई बना देती है।
'पुष्पा' के बाद आपने सचमुच 'पैन इंडिया स्टार' शब्द को लोकप्रिय बना दिया। पैन-इंडिया सुपरस्टार कहलाना कैसा लगता है?
-बहुत प्यारा लगता है। सच कहूं तो अभी भी उस अहसास को पूरी तरह महसूस कर रही हूं। ये सब दर्शकों के अपार प्यार का नतीजा है और इसके लिए मैं दिल से आभारी हूं। मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि आप सबका प्यार ही मेरी ताकत है। मैं हर दिन अपना बेस्ट देने की कोशिश करती हूं और आगे जो प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं, उन्हें लेकर बेहद उत्साहित हूं।
छोटे से कस्बे कोडागु से आकर आज आप सुपरस्टार बन चुकी हैं। छोटे शहर और कस्बों से आने वाली उन युवा लड़कियों के लिए क्या संदेश देना चाहेंगी जो आपके रास्ते पर चलना चाहती हैं?
- मैं हमेशा यही कहती हूं कि अगर मैं कर सकती हूं तो कोई भी कर सकता है। जो भी आपका सपना हो, खुद पर विश्वास रखिए और आगे बढ़िए। रास्ता आसान नहीं होगा, लेकिन अगर दिल में ठान लिया तो आधी जीत वहीं से शुरू हो जाती है।
आपने अल्लू अर्जुन, रणबीर कपूर, विक्की कौशल जैसे बड़े कलाकारों के साथ काम किया है। उनसे आपने क्या सीखा?
-हर कलाकार से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। अल्लू सर हों, रणबीर हों या विक्की, हर किसी का काम करने का तरीका अलग है। मैंने उनसे छोटे-छोटे सबक सीखे हैं जिन्हें मैं हमेशा अपने साथ लेकर चलती हूं। अल्लू अर्जुन सर के साथ हमारी एनर्जी बहुत अच्छी तरह मिलती है, इसलिए हमें काम के दौरान बहुत कंफर्टेबल महसूस होता है। रणबीर की बात करूं, तो हम लोगों को इधर-उधर की बातें पसंद नहीं आतीं, हम लोग अपने रोल्स और काम पर ध्यान देते हैं। एक चीज जो मुझे उनकी बहुत पसंद है, वो यह है कि उनका जो क्राफ्ट है, वो पूरी इंडस्ट्री को दर्शाता है। जबकि विक्की के साथ काम करते हुए सेट पर मैं यही सोचती थी कि ये इंसान तो कमाल का है।
आपकी नैचुरल एक्टिंग और सादगी भरे लुक्स को लोग बहुत पसंद करते हैं। क्या ये आपकी निजी पसंद है या निर्देशक का विजन?
-यह बहुत प्यारा कॉम्प्लिमेंट है, धन्यवाद। सच कहूं तो मैं सेट पर पूरी तरह अपने निर्देशक पर भरोसा करती हूं। उनका विजन ही फिल्म की आत्मा होता है। हमारा काम है उस विजन को जीवंत करना। जब आपकी मेहनत और उनका विज़न मिलते हैं, तभी जादू परदे पर उतरता है।
इतनी शोहरत के बीच आपको जमीन से जुड़े रहने में कौन मदद करता है?
-मेरे परिवार और दोस्त। वो मेरे काम की सराहना करते हैं, लेकिन हमारे बीच एक अलग दुनिया है, जहां मैं वही 'रुशी' हूं जो फिल्मों से पहले थी। यही मुझे सबसे ज्यादा सुकून देता है। परिवार मेरे लिए हर तरह से अहमियत रखता है। यह हमेशा पहले स्थान पर आता है। परिवार ही तो होता है, जिसके साथ आप पले-बढ़े होते हैं। वह आपके साथ वर्तमान में भी होता है और भविष्य में भी आपका साथ निभाता है। मैं अपने परिवार में किसके करीब हूं, यह एक ऐसा पहलू है, जिसे मैं उजागर नहीं करती। मैं अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन को अपने तक सीमित रखना चाहती हूं। आम तौर पर आप लोगों ने देखा ही होगा कि मैं अपने परिवार और दोस्तों से जुड़ी पोस्ट भी सोशल मीडिया पर साझा कम ही करती हूं, क्योंकि ये सभी लोग मेरे दिल के बेहद करीब हैं।
आपका परिवार आपकी स्टारडम को कैसे देखता है?
- वो मुझे हमेशा उसी तरह ट्रीट करते हैं जैसे पहले करते थे। उनके लिए मैं आज भी वही बेटी हूं वही रुशी। यही सबसे प्यारी बात है घर लौटने की। देखिए, कमाल की बात है कि हीरोइन बनने के बारे में मैंने सोचा नहीं था और न ही मेरे परिवार का ऐसा कोई ड्रीम था। मैं 11वीं और 12वीं में भी आर्ट की छात्रा थी, तो जब मैं साहित्य, मनोविज्ञान और पत्रकारिता की पढ़ाई करने लगी तब मुझे समझ में आया कि यह करने में तो मुझे बहुत मजा आ रहा है। हीरोइन बनना मेरे सपनों से भी परे था। मैंने सोचा था कि मेरे ग्रैजुएशन की पढ़ाई के बाद मैं घर जाकर अपने पापा के बिजनेस में मदद करूंगी, मगर किस्मत ने मुझे कहीं और ही पहुंचा दिया। मैं एंटरटेनमेंट फील्ड में आ गई। आज जब मैं हीरोइन बन गई हूं, तो मेरे परिवार के लिए कुछ भी नहीं बदला।
फिल्मों के अलावा छोटी-छोटी कौन-सी चीजें आपको खुशी देती हैं?
-मुझे सबसे ज्यादा खुशी मिलती है जब लोग एक-दूसरे के साथ दयालुता और सम्मान से पेश आते हैं। यह बहुत दुर्लभ है, लेकिन यही मुझे सबसे प्यारी चीज लगती है।
अगर आपकी जिंदगी पर फिल्म बने तो उसका टाइटल क्या होगा?
- 'काइंडनेस बिफोर ऑल' या फिर 'शी वॉन्टेड इट, शी गॉट इट।'
आपका गिल्टी प्लेजर फूड क्या है?
- (हंसते हुए) डेजर्ट! मैं इसे कभी मना नहीं कर पाती।
आपकी फैशन और स्टाइल हमेशा चर्चा में रहती है। आपका पर्सनल स्टाइल मंत्र क्या है?
-मेरा सबसे बड़ा मंत्र है, 'मिनिमल लुक, लेकिन मैक्सिमम इम्पैक्ट।'
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