काबुल: अफगानिस्तान की ओर से एक बार फिर पाकिस्तान को बेहद सख्त लहजे में चेतावनी दी गई है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में बॉर्डर और जनजातीय मामलों के मंत्री नूरुल्लाह नूरी ने कहा है कि उनके धैर्य की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए। पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ को तालिबान मंत्री ने एक स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि तालिबान की कोशिश शांति कायम रखने की है लेकिन अगर युद्ध थोपा गया तो फिर उनका देश मजबूती के साथ अपनी लड़ाई लड़ेगा।
टोलो न्यूज के मुताबिक, शुक्रवार को एक सभा में बोलते हुए नूरी ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच बीते महीने बॉर्डर पर हुए संघर्ष का जिक्र किया। नूरी ने खासतौर से पाक आर्मी के अधिकारियों और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से आ रहे बयानों पर गुस्से का इजहार किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों को बड़ेबोलेपन से बाज आना चाहिए क्योंकि हमारे सब्र की एक हद है।
पाक तकनीक पर इतराए नहींतालिबान मंत्री नूरुल्लाह नूरी ने आगे कहा, 'पाकिस्तानी रक्षा मंत्री को अपने देश की तकनीक और अपनी सेना पर जरूरत से ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए। अफगान लोग पहले भी बहुत मजबूत फौजों से लड़ चुके हैं। अगर अफगानिस्तान का पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ता है तो फिर अफगान युवा ही नहीं बुजुर्ग और बच्चे भी लड़ने के लिए उठ खड़े होंगे और लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे।
तालिबान मंत्री नूरी की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है, जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीजफायर मुद्दे पर तुर्की में बातचीत चल रही है। शुक्रवार को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारियों ने शांति का रास्ता तलाशने के लिए वार्ता की है। हालांकि बातचीत के बावजूद दोनों देशों की सेनाओं के बीच बॉर्डर पर गुरुवार को गोलीबारी होने की बात भी सामने आई है।
सीमा पर गोलीबारी के बाद तनावअफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पिछले महीने सीमा पर संघर्ष के बाद तनाव पैदा हुआ है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बीते महीने, अक्टूबर में सैन्य झड़पों के बाद संघर्षविराम पर राजी हुए थे। यह सीजफायर लागू है और दोनों पक्ष बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद दोनों ओर से अविश्वास और आक्रामक बयानबाजी देखी जा रही है।
तुर्की में फिलहाल तीसरे दौर की वार्ता चल रही है। दोहा में 19 अक्टूबर की बैठक में सीजफायर हुआ था। इसके बाद इस्तांबुल में 25 अक्टूबर को वार्ता हुई लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। दोनों देशों में टकराव की जड़ में पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर यह आरोप है कि उसकी जमीन पर पनाह पाए टीटीपी के लड़ाके उसके सुरक्षाकर्मियों पर हमले कर रहे हैं।
टोलो न्यूज के मुताबिक, शुक्रवार को एक सभा में बोलते हुए नूरी ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच बीते महीने बॉर्डर पर हुए संघर्ष का जिक्र किया। नूरी ने खासतौर से पाक आर्मी के अधिकारियों और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से आ रहे बयानों पर गुस्से का इजहार किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों को बड़ेबोलेपन से बाज आना चाहिए क्योंकि हमारे सब्र की एक हद है।
पाक तकनीक पर इतराए नहींतालिबान मंत्री नूरुल्लाह नूरी ने आगे कहा, 'पाकिस्तानी रक्षा मंत्री को अपने देश की तकनीक और अपनी सेना पर जरूरत से ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए। अफगान लोग पहले भी बहुत मजबूत फौजों से लड़ चुके हैं। अगर अफगानिस्तान का पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ता है तो फिर अफगान युवा ही नहीं बुजुर्ग और बच्चे भी लड़ने के लिए उठ खड़े होंगे और लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे।
तालिबान मंत्री नूरी की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है, जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीजफायर मुद्दे पर तुर्की में बातचीत चल रही है। शुक्रवार को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारियों ने शांति का रास्ता तलाशने के लिए वार्ता की है। हालांकि बातचीत के बावजूद दोनों देशों की सेनाओं के बीच बॉर्डर पर गुरुवार को गोलीबारी होने की बात भी सामने आई है।
सीमा पर गोलीबारी के बाद तनावअफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पिछले महीने सीमा पर संघर्ष के बाद तनाव पैदा हुआ है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बीते महीने, अक्टूबर में सैन्य झड़पों के बाद संघर्षविराम पर राजी हुए थे। यह सीजफायर लागू है और दोनों पक्ष बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद दोनों ओर से अविश्वास और आक्रामक बयानबाजी देखी जा रही है।
तुर्की में फिलहाल तीसरे दौर की वार्ता चल रही है। दोहा में 19 अक्टूबर की बैठक में सीजफायर हुआ था। इसके बाद इस्तांबुल में 25 अक्टूबर को वार्ता हुई लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। दोनों देशों में टकराव की जड़ में पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर यह आरोप है कि उसकी जमीन पर पनाह पाए टीटीपी के लड़ाके उसके सुरक्षाकर्मियों पर हमले कर रहे हैं।
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