वॉशिंगटन: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने के डोनाल्ड ट्रंप के दावे को कनाडा का साथ मिला है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मंगलवार को वाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान इस साल मई में हुए भारत-पाक संघर्ष का जिक्र किया। कार्नी ने भारत और पाकिस्तान में 'शांति' लाने के लिए ट्रंप के दावे का समर्थन और तारीफ करते हुए उनको दुनिया में परिवर्तन लाने वाला राष्ट्रपति करार दिया। ट्रंप ने भी एक बार फिर भारत-पाक सीजफायर का श्रेय लिया है।
भापत और पाकिस्तान में इस साल 7-10 मई तक हुए संघर्ष को रुकवाने का श्रेय ट्रंप ने बार-बार लिया है। ट्रंप की ओर से अब तक करीब 50 बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यावार की धमकी देकर युद्ध रोकने के लिए मजबूर किया। भारत ने उनके इस दावे को खारिज किया है। भारत का कहना है कि सीजफायर में किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही है।
ट्रंप की दुनिया में शांति की कोशिश: कार्नीओवल ऑफिस में ट्रंप के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कार्नी ने कहा, 'आप परिवर्तन लाने वाले राष्ट्रपति हैं। अर्थव्यवस्था में परिवर्तन, नाटो देशों के रक्षा व्यय की प्रतिबद्धता, भारत-पाकिस्तान, अजरबैजान-आर्मेनिया तक शांति की दिशा में प्रयास और ईरान को कमजोर करने तक, ये सब आपके नेतृत्व में संभव हुआ है।
मार्क कार्नी इस साल अप्रैल में कनाडा के प्रधानमंत्री चुने गए थे। कार्नी ने इससे पहले मई में वॉशिंगटन की यात्रा के दौरान ट्रंप से मुलाकात की थी। उस समय कनाडा और अमेरिका में के रिश्ते में काफी तनाव देखा गया था। ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में कनाडा को अमेरिका में मिला लेने की धमकी देकर दोनों देशों में तनातनी को बढ़ा दिया था।
ट्रंप ने क्या कहा हैडोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले सोमवार को कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान समेत वैश्विक युद्धों को रोकने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल किया। ट्रंप ने कहा, 'अगर मेरे पास टैरिफ लगाने की शक्ति नहीं होती तो सात में से कम से कम चार युद्ध चल रहे होते। भारत और पाकिस्तान के मामले में मैंने जो कहा वह बहुत प्रभावी था।
10 मई के बाद से डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग हर मंच से कहा है कि उनके प्रयासों ने भारत-पाक का संघर्ष रोका। वहीं नई दिल्ली का कहना है कि युद्ध विराम पर सहमति भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच स्थापित सैन्य संचार चैनलों के माध्यम से बनी थी। इसमें अमेरिका शामिल नहीं था।
भापत और पाकिस्तान में इस साल 7-10 मई तक हुए संघर्ष को रुकवाने का श्रेय ट्रंप ने बार-बार लिया है। ट्रंप की ओर से अब तक करीब 50 बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यावार की धमकी देकर युद्ध रोकने के लिए मजबूर किया। भारत ने उनके इस दावे को खारिज किया है। भारत का कहना है कि सीजफायर में किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही है।
ट्रंप की दुनिया में शांति की कोशिश: कार्नीओवल ऑफिस में ट्रंप के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कार्नी ने कहा, 'आप परिवर्तन लाने वाले राष्ट्रपति हैं। अर्थव्यवस्था में परिवर्तन, नाटो देशों के रक्षा व्यय की प्रतिबद्धता, भारत-पाकिस्तान, अजरबैजान-आर्मेनिया तक शांति की दिशा में प्रयास और ईरान को कमजोर करने तक, ये सब आपके नेतृत्व में संभव हुआ है।
मार्क कार्नी इस साल अप्रैल में कनाडा के प्रधानमंत्री चुने गए थे। कार्नी ने इससे पहले मई में वॉशिंगटन की यात्रा के दौरान ट्रंप से मुलाकात की थी। उस समय कनाडा और अमेरिका में के रिश्ते में काफी तनाव देखा गया था। ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में कनाडा को अमेरिका में मिला लेने की धमकी देकर दोनों देशों में तनातनी को बढ़ा दिया था।
ट्रंप ने क्या कहा हैडोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले सोमवार को कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान समेत वैश्विक युद्धों को रोकने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल किया। ट्रंप ने कहा, 'अगर मेरे पास टैरिफ लगाने की शक्ति नहीं होती तो सात में से कम से कम चार युद्ध चल रहे होते। भारत और पाकिस्तान के मामले में मैंने जो कहा वह बहुत प्रभावी था।
10 मई के बाद से डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग हर मंच से कहा है कि उनके प्रयासों ने भारत-पाक का संघर्ष रोका। वहीं नई दिल्ली का कहना है कि युद्ध विराम पर सहमति भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच स्थापित सैन्य संचार चैनलों के माध्यम से बनी थी। इसमें अमेरिका शामिल नहीं था।
You may also like
धर्म और सेहत का है कार्तिक मास से कनेक्शन, आयुर्वेद में लिखी है महिमा
भारतीय बैंक वैश्विक अनिश्चितता, टैरिफ और कमजोर होते रुपए से निपटने के लिए एक बेहतर स्थिति में : रिपोर्ट
देश में जीरो एमडीआर चार्ज से डिजिटल पेमेंट को मिल रहा बूस्ट : भारतपे सीईओ
वियतनाम पर छाया मत्मो तूफान का संकट, 8 की मौत, पशुधन और फसल बुरी तरह प्रभावित
अनुपम खेर ने बताई आज के युग की सच्चाई, लिखा, 'कोई अमीर नहीं'