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लोन रिकवरी एजेंट से परेशान हैं? जानिए अपने अधिकार और शिकायत करने का तरीका

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लोन रिकवरी एजेंट से परेशान हैं? जानिए अपने अधिकार और शिकायत करने का तरीका

व्यक्तिगत या प्रोफेशनल जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग अक्सर बैंक से लोन लेते हैं। लोन की EMI समय पर चुका देने पर कोई परेशानी नहीं आती, लेकिन भुगतान में थोड़ी-सी भी देरी पर बैंक के रिकवरी एजेंटों का दबाव शुरू हो सकता है। ये रिकवरी एजेंट कई बार गलत व्यवहार भी कर सकते हैं, जिसके लिए RBI ने सख्त नियम जारी किए हैं। यहां जानिए अपने अधिकार और शिकायत करने के तरीकों के बारे में।

RBI के दिशा-निर्देश क्या कहते हैं?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार रिकवरी एजेंट:

  • सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही कॉल कर सकते हैं।
  • कोई भी अपमानजनक संदेश या कॉल नहीं कर सकते।
  • मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान नहीं कर सकते।
रिकवरी एजेंट द्वारा उत्पीड़न होने पर ये कदम उठाएं: 1. सबूत सुरक्षित रखें:

रिकवरी एजेंट की कॉल रिकॉर्डिंग, मैसेज और ईमेल को हमेशा सुरक्षित रखें। ये दस्तावेज शिकायत दर्ज कराने में आपकी मदद करेंगे।

2. बैंक से संपर्क करें:

रिकवरी एजेंट की शिकायत के साथ बैंक के संबंधित अधिकारी या कस्टमर केयर में संपर्क करें। अपने सभी सबूत बैंक के सामने पेश करें।

3. पुलिस में शिकायत दर्ज करें:

अगर बैंक से उचित सहायता नहीं मिलती, तो पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस की निष्क्रियता की स्थिति में अदालत का सहारा ले सकते हैं, जहां आपको राहत और मुआवजा मिल सकता है। अगर एजेंट आपकी छवि खराब करने की कोशिश करता है, तो मानहानि का केस दर्ज कर सकते हैं।

4. RBI को शिकायत करें:

यदि ऊपर के तरीकों से राहत न मिले, तो सीधे भारतीय रिजर्व बैंक को शिकायत करें। RBI ऐसे मामलों में बैंक पर कार्रवाई कर सकता है और उस क्षेत्र में रिकवरी एजेंट की नियुक्ति पर रोक लगा सकता है।

RBI की जिम्मेदारी किस पर लागू होती है?

भारतीय रिजर्व बैंक के नियम सभी कमर्शियल बैंक, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियां और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों पर लागू होते हैं।

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