क्या साड़ी कैंसर का कारण बनती है? साड़ी एक पारंपरिक और बेहद लोकप्रिय भारतीय परिधान है। यह कहना गलत नहीं होगा कि साड़ी भारतीय नारी की पहचान है। प्राचीन काल से ही यह महिलाओं का पसंदीदा परिधान रहा है। आज के समय में भी कई महिलाएं अपनी खूबसूरती और रूप-रंग निखारने के लिए साड़ी का इस्तेमाल करती हैं। यह एक ऐसा परिधान है जो उनकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है, लेकिन क्या हो अगर यही साड़ी कैंसर का कारण बन जाए...?पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर साड़ी पहनने से कैंसर होने की चर्चा ज़ोरों पर है। ऐसे में साड़ी और कैंसर को लेकर चल रही इस चर्चा को विस्तार से जानने के लिए हमने सोनीपत स्थित एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के चेयरमैन डॉ. दिनेश सिंह से बात की। हमने जानने की कोशिश की कि क्या वाकई साड़ी पहनने से कैंसर हो सकता है।इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "साड़ी पहनने का मतलब ये नहीं है कि आपको कैंसर हो जाएगा, बल्कि ये एक तरह का स्किन कैंसर है, जो पेटीकोट को बहुत कसकर बांधने से होता है। जब आप लंबे समय तक एक ही जगह पर गांठ बांधती हैं, तो इसकी वजह से साड़ी बांधने वाली जगह पर जलन होने लगती है और अगर ये जलन बार-बार हो, तो इससे त्वचा में बदलाव होने लगते हैं। ये बदलाव आगे चलकर किसी तरह के अल्सर में बदल सकते हैं, जो आगे चलकर कैंसर का कारण बन सकता है।"क्या साड़ियां कैंसर का कारण बन सकती हैं?हालांकि यह कैंसर का कारण बन सकता है, डॉक्टर ने बताया कि ऐसे मामले आमतौर पर काफी दुर्लभ होते हैं और बहुत कम ही देखे जाते हैं। ऐसा सिर्फ़ तब होता है जब बार-बार तंग कपड़े पहने जाते हैं, खासकर कमर के आसपास। इस तरह का कैंसर सिर्फ़ साड़ियों तक ही सीमित नहीं है, कसकर पहनी जाने वाली साड़ियाँ, पेटीकोट, धोती और टाइट जींस भी कमर पर इस खतरे को बढ़ा सकती हैं।कुल मिलाकर, यह कहा जा सकता है कि साड़ी सीधे तौर पर कैंसर का कारण नहीं बनती। कमर पर कुछ टाइट पहनने से कैंसर हो सकता है। इसलिए, 'साड़ी कैंसर' शब्द भ्रामक हो सकता है।ऐसे में, इससे बचाव के लिए, अगर आप लंबे समय तक साड़ी पहनती हैं, तो त्वचा में होने वाले बदलावों पर ध्यान देना ज़रूरी है और कोई भी बदलाव नज़र आने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा, रात में बेल्ट, जींस या पेटीकोट ढीला करके और कोई एमोलिएंट (मॉइस्चराइजिंग) क्रीम लगाकर आप कमर दर्द से आसानी से बच सकती हैं।
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