ढाका: सत्ता परिवर्तन के बाद से बांग्लादेश में घटित नाटकीय घटनाक्रम ने अब अंतर्राष्ट्रीय मोड़ ले लिया है। बांग्लादेश पुलिस के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से आधिकारिक अनुरोध किया है। यह मांग शेख हसीना समेत कुल 12 लोगों के खिलाफ की गई है, जिनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री, सलाहकार, सैन्य अधिकारी और सिविल अधिकारी शामिल हैं। इन सभी पर ‘मानवता के विरुद्ध अपराध’ और ‘नरसंहार’ के गंभीर आरोप हैं।
छात्र आंदोलन के बाद सरकार गिरी, हसीना भारत में बस गईंपिछले वर्ष बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके कारण शेख हसीना की अवामी लीग सरकार गिर गयी। इसके बाद 77 वर्षीय हसीना भारत भाग गईं और तब से भारत में ही रह रही हैं। बांग्लादेश सरकार ने उन्हें वापस लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं और इस संदर्भ में इंटरपोल के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण वारंट8 अगस्त 2024 को मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार ग्रहण किया। कुछ सप्ताह बाद, बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने शेख हसीना और अन्य के खिलाफ वारंट जारी किया। न्यायाधिकरण के अनुसार, हसीना और उनकी सरकार ने सत्ता में रहते हुए अनेक मानवाधिकार उल्लंघन किए, साथ ही विरोधियों के विरुद्ध क्रूर कृत्य और नरसंहार भी किए।
इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस का महत्वइंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस किसी भगोड़े का पता लगाने, उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने तथा उसके प्रत्यर्पण के लिए तकनीकी सहायता प्राप्त करने का अनुरोध है। इंटरपोल यह जानकारी दुनिया भर की पुलिस एजेंसियों के साथ साझा करता है, जिससे भारत जैसे देशों में भी उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करना संभव हो जाता है। एनसीबी के अनुरोध पर इंटरपोल अब हसीना की आधिकारिक तौर पर भगोड़ा के रूप में पहचान करने की प्रक्रिया में है।
उन्हें भारत से वापस लाने के प्रयास जारी हैं।21 जनवरी, 2025 को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह शेख हसीना को भारत से वापस लाने के प्रयास जारी रखेगी और यदि आवश्यक हुआ तो अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करेगी। नवंबर 2024 में, आईसीटी मुख्य अभियोजक कार्यालय ने पुलिस मुख्यालय से औपचारिक रूप से अनुरोध किया था कि वह इंटरपोल के माध्यम से हसीना और अन्य फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास शुरू करे।
राजनीतिक उथल-पुथल के बाद गंभीर कार्रवाईबांग्लादेश में वर्तमान में सत्तासीन अंतरिम सरकार सत्ता में बैठे लोगों को उनके कुप्रबंधन के लिए जवाबदेह ठहरा रही है। शेख हसीना के खिलाफ खोला गया मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश में मानवाधिकार की स्थिति और राजनीतिक स्थिरता को उजागर करता है। अब सबकी निगाहें भारत सरकार की भूमिका पर टिकी हैं। यदि रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है तो शेख हसीना को वापस भेजने के लिए भारत पर दबाव बढ़ सकता है।
शेख हसीना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिसबांग्लादेश में ये घटनाक्रम घरेलू सत्ता परिवर्तन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने अंतर्राष्ट्रीय आयाम भी ले लिया है। शेख हसीना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस एक ऐसी घटना हो सकती है जो राजनीतिक और कानूनी संघर्ष को एक नई दिशा दे सकती है। आने वाले समय में इस संबंध में भारत और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय क्या भूमिका निभाएगा, इस पर सभी की नजर रहेगी।
The post first appeared on .
You may also like
अगर आपके हाथ से बार बार गिरती है ये चीजे तो होने वाला है कुछ अशुभ ∘∘
बंदर-तोते का यह उपाय चमका देगा किस्मत. शनिदेव होंगे प्रसन्न, पूरी करेंगे हर मुराद ∘∘
पुण्य नहीं पाप है इन 5 चीजों का दान, राजा भी बन जाता है फकीर. रूठ जाती है मां लक्ष्मी ∘∘
महाभारत युद्ध के पीछे का कारण और श्रीकृष्ण के सुझाव
हनुमान जी के अलावा ये 7 लोग भी हैं अमर, आज भी धरती पर है इनका अस्तित्व, एक तो है दैत्यों का राजा‹ ∘∘