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कुछ दिन पहले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया था, जिसने पूरे मध्य प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। वीडियो में कथित तौर पर भाजपा नेता मनोहर लाल धाकड़ एक महिला के साथ कार के बाहर संबंध बनाते नजर आ रहे थे। मंदसौर के स्थानीय राजनीतिक व्यक्ति से जुड़ी कथित क्लिप शनिवार को वायरल हुई। जमानत मिलने के बाद धाकड़ ने अब आरोपों का जवाब दिया है।
मनोहर धाकड़ ने सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे वीडियो को फर्जी बताया है। इसके साथ ही उन पर साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने का भी आरोप लगाया गया है। 13 मई की रात को हुई इस घटना के वीडियो पर मनोहर लाल धाकड़ का बयान सामने आया है।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मनोहर लाल धाकड़ ने कहा कि वायरल वीडियो फर्जी है। भाजपा नेता ने कहा, "वायरल वीडियो फर्जी है। मैं उसमें नहीं था और कार भी मेरी नहीं थी। मैंने कार बेच दी थी। वीडियो की सत्यता की जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी। मैं अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रखूंगा और वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।"
वायरल वीडियो के बाद राजनीतिक रंग में रंगे व्यापक विवाद के बाद धाकड़ और सह-आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 296 (अश्लील कृत्य), 285 (सार्वजनिक मार्गों या आवागमन में बाधा या खतरा) और 3(5) (संयुक्त आपराधिक दायित्व) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
धाकड़ से जब पूछा गया कि जमानत से पहले वे 8 दिन तक भूमिगत क्यों रहे, तो उन्होंने जवाब दिया, "पुलिस ने मेरे घर से कार ले ली थी। मैं डरा हुआ था क्योंकि मेरी छवि खराब हो रही थी। इसलिए मैं चुप रहा।"
भाजपा और परिवार ने क्या प्रतिक्रिया दी धाकड़ के राजनीतिक संबंधों के सामने आने के बाद विवाद गहरा गया। उनकी पत्नी सोहन बाई मंदसौर के बानी गांव के वार्ड क्रमांक 8 से निर्वाचित सरपंच और जिला पंचायत सदस्य हैं। हालांकि, भाजपा ने इस कांड से खुद को अलग कर लिया है।
आपको बता दें कि हाईवे का अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मनोहर लाल को गिरफ्तार कर भारतीय दंड संहिता की धारा 296 (सार्वजनिक अश्लीलता) और धारा 286 (लापरवाही से खतरा पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया था। फिलहाल कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।
अश्लील वीडियो सामने आने के बाद क्या हुआ
सार्वजनिक स्थान पर महिला मित्र के साथ आपत्तिजनक हालत में पाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद समाज ने भी उनसे किनारा कर लिया और उन्हें धाकड़ समाज के युवा संगठन के राष्ट्रीय मंत्री पद से हटा दिया गया। इस बीच, भाजपा का कहना है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति पार्टी का प्राथमिक सदस्य नहीं है। इस बीच, यह बात सामने आई कि उसने वीडियो वायरल न करने के लिए एक लाख रुपए की मांग की थी। हालांकि, उसने सिर्फ 20 हजार रुपए दिए। इसी के चलते उसका वीडियो वायरल कर दिया गया।
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