बिहार की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है। बुधवार को राज्य की राजधानी पटना और आसपास के इलाकों में "वोटर अधिकार यात्रा" के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव सड़क पर उतर आए। इस यात्रा का उद्देश्य था वोट चोरी, चुनावी धांधली और लोकतांत्रिक मूल्यों के क्षरण के खिलाफ जनता को जागरूक करना। यात्रा में उमड़ी भीड़ ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी।
इस यात्रा की शुरुआत पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से हुई, जहां सुबह से ही कांग्रेस और राजद कार्यकर्ताओं का सैलाब उमड़ पड़ा। दोनों नेताओं ने यहां से रोड शो के अंदाज़ में लोगों से मुलाकात की और “लोकतंत्र बचाओ, वोट बचाओ” का नारा दिया। यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने एक स्वर में कहा कि वोट चोरी की राजनीति लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है और जनता को इसके खिलाफ आवाज़ उठानी होगी।
यात्रा में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई बार राहुल गांधी को पहचान पाना मुश्किल हो गया। लोग उनके साथ सेल्फी लेने और हाथ मिलाने के लिए उमड़ते रहे। सुरक्षा बलों को बार-बार भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा। भीड़ में मौजूद युवाओं ने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर "वोट हमारा, हक हमारा" जैसे नारे लगाए। कई जगहों पर महिलाओं ने भी यात्रा में हिस्सा लिया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुटता दिखाई।
तेजस्वी यादव ने इस मौके पर भाजपा और जेडीयू पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में वोटरों की आवाज़ दबाने की कोशिश की जा रही है, चुनाव आयोग तक की भूमिका सवालों के घेरे में है। वहीं राहुल गांधी ने भी चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि “लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब हर नागरिक का वोट सुरक्षित और सम्मानित रहेगा।”
इस यात्रा के बहाने महागठबंधन ने एकजुटता का संदेश भी दिया। कांग्रेस और राजद के नेताओं ने मंच से स्पष्ट संकेत दिया कि आगामी चुनावों में वे मिलकर केंद्र और राज्य की सत्ता को चुनौती देंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा न सिर्फ वोट चोरी के खिलाफ एक जनजागरण अभियान है, बल्कि विपक्षी दलों के लिए जनता का समर्थन जुटाने का भी एक बड़ा मंच साबित हो सकती है।
वहीं सत्तारूढ़ दलों ने इस यात्रा को “राजनीतिक नौटंकी” करार दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जनता को गुमराह कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से अपना काम कर रहा है और विपक्ष केवल हार की आशंका से भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।
लेकिन राजनीतिक बयानबाज़ियों से परे, इस यात्रा ने यह साफ कर दिया कि बिहार की जनता के बीच वोट की सुरक्षा और लोकतंत्र की मजबूती को लेकर गहरी चिंता है। सड़क पर उतरी भीड़ ने यह संदेश दिया कि आम नागरिक अब अपने वोट के अधिकार को लेकर और अधिक सजग हो चुके हैं।“वोटर अधिकार यात्रा” फिलहाल पटना से शुरू हुई है, लेकिन इसे धीरे-धीरे बिहार के अलग-अलग जिलों तक ले जाने की योजना है। राहुल और तेजस्वी दोनों ही नेताओं ने संकेत दिया है कि यह आंदोलन लंबा चलेगा और देश के अन्य राज्यों में भी इसकी गूंज सुनाई दे सकती है।
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