काठमांडू, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . नेपाल में जेन जी विद्रोह के बाद पुलिस के अधिकारियों और जवानों के सुरक्षा बल से इस्तीफा देने वालों की संख्या में अचानक ही बढ़ोतरी देखी गई है.
नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) से पिछले दो महीनों के भीतर लगभग एक हजार सुरक्षाकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया है. नेपाल पुलिस के करीब 450 और एपीएफ के लगभग 550 अधिकारियों और जवानों ने इस्तीफा दिया है. इस्तीफा देने वालों में कुछ ने 20 वर्षों की सेवा पूरी की है तो कुछ ने मात्र 5 वर्षों तक ही सेवा की थी.
सुरक्षा निकाय के अधिकारियों का कहना है कि जेन–जी प्रदर्शन के बाद इस्तीफा देने वालों की संख्या काफी बढ़ी है. 8 सितंबर को किए गए जेन जी प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा गोली चलाए जाने से 22 युवा/विद्यार्थियों की मौत हो गई थी, जिसके अगले दिन देशभर में हिंसात्मक प्रदर्शन फैल गया. इस दौरान सुरक्षा निकाय के कार्यालय और बैरक प्रदर्शनकारियों के निशाने पर थे.
उसी दिन नेपाल पुलिस के 1,200 से अधिक हथियार लूट लिए गए थे और करीब 1 लाख राउंड गोलियों का रिकॉर्ड नहीं मिला है. 9 सितंबर को प्रदर्शनकारियों की पिटाई से 3 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी. काठमांडू के बानेश्वर वृत्त में तैनात एक पुलिसकर्मी को प्रदर्शनकारियों ने वर्दी उतरवा कर दौड़ाया था.
नेपाल पुलिस के प्रवक्ता डीआईजी विनोद घिमिरे के अनुसार, घरेलू और व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए रोजाना पुलिसकर्मियों द्वारा इस्तीफे आ रहे हैं. इस्तीफा देने वालों में ज्यादातर निचले स्तर के कर्मचारी शामिल हैं.
घिमिरे ने बताया कि जेन-जी आंदोलन के बाद की स्थिति ने भी सुरक्षाकर्मियों का मनोबल गिराया है और यह इस्तीफों का एक प्रमुख कारण बन रहा है. इसके अलावा, वैकल्पिक रोजगार की तलाश, पारिवारिक स्थिति और विदेश में नौकरी जैसे कारणों से भी इस्तीफों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
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