Next Story
Newszop

सोनीपत: दिव्यांग मोहित की एक टंगी दंडवत कांवड़ यात्रा बनी प्रेरक

Send Push

-100 पदक

विजेता को मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी नौकरी नहीं मिली

– शरीर

चाहे असमर्थ हो, लेकिन मनोबल अडिग हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं: मोहित

सोनीपत, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । सोनीपत के 24 वर्षीय मोहित की जीवन-यात्रा अद्भुत प्रेरणा

है, जो शारीरिक असमर्थता के बावजूद हिम्मत और संकल्प से इतिहास लिख रहा है। विशाल नगर निवासी मोहित बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखते थे। कुश्ती और दौड़

में निपुण मोहित ने मेडिकल लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा भी किया और 2016 में अस्पताल

में नौकरी ज्वाइन की।

लेकिन 2010 में बोन कैंसर ने उनके सपनों को झटका दिया। इलाज

चला, पैर में रॉड डाली गई। कुछ वर्षों बाद कैंसर फिर लौटा और पैर की हड्डी टूटने पर

टांग कटवानी पड़ी। कृत्रिम टांग भी जीवन को सहज नहीं बना सकी। निराशा के दौर में यूट्यूब

पर एक दिव्यांग बॉडी बिल्डर की कहानी ने मोहित को नई दिशा दी। उन्होंने एक टांग पर

ही जिम शुरू किया और खुद को बॉडी बिल्डिंग, पावरलिफ्टिंग और मॉडलिंग में झोंक दिया।

मोहित अब तक मिस्टर हरियाणा, मिस्टर यूपी और मिस्टर वर्ल्ड

जैसे खिताब जीत चुके हैं। 100 से अधिक मेडल हासिल कर चुके मोहित को एक समारोह में तत्कालीन

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकारी नौकरी का आश्वासन भी दिया, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। इन सबके बीच मोहित ने कभी हार नहीं मानी। अब वे पैरा ओलिंपिक

के लिए डिस्कस थ्रो में प्रशिक्षण ले रहे हैं। साथ ही, धार्मिक आस्था का परिचय देते

हुए वे हर वर्ष कांवड़ यात्रा में भाग लेते हैं।

वर्ष 2024 में उन्होंने 61 लीटर गंगाजल

एक टांग पर लेकर यात्रा की थी। इस बार वे 200 किलोमीटर लंबी दंडवत यात्रा (लेटकर) कर

रहे हैं। 12 मई को हरिद्वार से जल उठाने के बाद वे प्रतिदिन 2 किलोमीटर लेटकर चल रहे

हैं। साथ में चलती गाड़ी में मंदिर और अखंड ज्योत भी है। मोहित का संदेश स्पष्ट है शरीर चाहे असमर्थ हो, लेकिन मनोबल

अडिग हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

—————

(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना

Loving Newspoint? Download the app now