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जसरोटिया ने कठुआ में विनाशकारी बादल फटने पर गहरा दुःख व्यक्त किया, सीडीएफ से राहत राशी की घोषणा की

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कठुआ/जसरोटा 17 अगस्त (Udaipur Kiran) । विधायक राजीव जसरोटिया ने कठुआ जिले के जोड घाटी गाँव में हुए विनाशकारी बादल फटने पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। इस घटना में सात लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। विधायक ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए 1 लाख रुपये, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 50,000 रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए अपने सीडीएफ से 25,000 रुपये की घोषणा की।

बादल फटने से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने, विनाश की भयावहता को प्रत्यक्ष रूप से देखने और प्रभावित परिवारों की जरूरतों का आकलन करने के बाद इस दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा पर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए जसरोटिया ने बताया कि शनिवार देर रात हुई इस घटना से भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न हुआ, जिससे व्यापक विनाश और अराजकता फैल गई। बादल फटने से घाटी के जोड गाँव तक पहुँच बाधित हो गई, जहाँ बाढ़ का पानी घरों और खेतों में घुस गया, जिससे परिवार फँस गए। जसरोटिया ने बताया कि कई संपर्क सड़कें बह गईं और एक पुल ढह गया, जिससे स्थिति और खराब हो गई। जसरोटिया ने प्रभावित परिवारों के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र विकास कोष (सीडीएफ) से एक मुआवजा पैकेज की घोषणा की, जिसमें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 1 लाख रुपये, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 50,000 रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 25,000 रुपये शामिल हैं। जसरोटिया ने बताया कि हेलीकॉप्टर से लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया गया है और सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस सहित कई एजेंसियां संपर्क बहाल करने और पीड़ितों की सहायता के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। जसरोटिया ने सरकार से बाढ़ से बचाव के दीर्घकालिक उपाय लागू करने का आग्रह किया, जिसमें तटबंधों में सुधार, वास्तविक समय पर मौसम संबंधी अलर्ट और संवेदनशील क्षेत्रों में भवन निर्माण मानदंडों की समीक्षा शामिल है। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और सड़क संपर्क सहित आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। जसरोटिया ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि बचाव और राहत अभियान पूरी गति और कुशलता से चलाए जाएँ। उन्होंने भविष्य में ऐसी आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

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