वाराणसी, 30 अप्रैल . अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर बुधवार को श्री काशी विश्वनाथ दरबार की मंगला आरती में चक्र पुष्करिणी मणिकर्णिका कुंड के जल से बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग का अभिषेक संपन्न किया गया.
वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस दिन भगवान सूर्य और चन्द्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं, अतः दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है. अक्षय का अर्थ होता है जिसका क्षय न हो. माना जाता है कि इस तिथि को किए गए कार्यों के परिणाम का क्षय नहीं होता. इस पुण्य अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ के ज्योर्तिलिंग का जलाभिषेक चक्र पुष्करिणी कुंड के 11 कलश जल से संपन्न किया गया. बाबा विश्वनाथ से सभी सनातन आस्था वाले मनुष्यों एवं चराचर विश्व के कल्याण की कामना की गई.
श्रीहरि बद्रीनारायण स्वरूप का भव्य श्रृंगार
अक्षय तृतीया के अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम में स्थित श्रीहरि बद्रीनारायण स्वरूप का भव्य श्रृंगार एवं श्रावण कालीन परम्परागत ‘कुंवरा’ की स्थापना की गई. मंदिर न्यास के अनुसार अक्षय तृतीया के पुण्य अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थित श्रीहरि विष्णु के बद्रीनारायण स्वरूप का भव्य एवं दिव्य श्रृंगार संपन्न किया गया.
—————
/ श्रीधर त्रिपाठी
You may also like
नवी मुंबई में ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश, कस्टम अधिकारी समेत 10 गिरफ्तार
देवेन भारती मुंबई के नए पुलिस आयुक्त नियुक्त किए गए
Samajwadi Party: बाबासाहेब के साथ अखिलेश यादव का चेहरा जोड़कर मुश्किल में समाजवादी पार्टी!, यूपी एससी/एसटी आयोग ने लोहिया वाहिनी नेताओं पर केस दर्ज करने का दिया आदेश
बाबिल खान ने पिता इरफान खान की याद में साझा की भावुक कहानी
मूक-बधिर नाबालिग से हैवानियात. रेप कर खून से लथपथ बच्ची को जंगल में छोड़ा, 6 दिन बाद हुई ऐसी हालत डॉक्टर भी रह गए हैरान 〥