नई दिल्ली, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली में विकास कायों की गति बढ़ाने, उसमें अधिक पारदर्शिता लाने और आर्थिक व्यवधान को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर कई आवश्यक बदलाव व महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। यह जानकारी रविवार को एक विज्ञप्ति करते हुए दी।
मुख्यमंत्री विकास निधि (सीएमडीएफ) : मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस निधि का उद्देश्य दिल्ली के बुनियादी ढांचे की ज़रूरतों को पूरा करना है। इस योजना को 2025-26 में लागू करने के लिए दिल्ली सरकार के योजना विभाग को 1400 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन विधायकों को अपने क्षेत्र में किसी विकास कार्य के लिए धनराशि की आवश्यकता होगी, वह अब इस निधि से राशि ले सकते हैं। एक प्रोजेक्ट की अधिकतम लागत 10 करोड़ रुपये तय की गई है। यह योजना स्थानीय स्तर पर विकास के लिए लचीला और गतिशील तंत्र प्रदान करेगी। इसकी विशेषता यह भी है कि प्रशासनिक विभाग, स्थानीय निकाय और स्वायत्त संस्थाएं (अपने प्रशासनिक सचिवों के माध्यम से) परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने के लिए जिम्मेदार होंगी, जो दिल्ली मुख्यमंत्री के निर्देशों पर आधारित होंगे। बड़ी बात यह भी है कि योजना विभाग प्रोजेक्ट की कुल राशि का 50 प्रतिशत अग्रिम देगा और शेष 50 प्रतिशत काम पूरा होने के बाद जारी किया जाएगा। यह भुगतान कार्य की प्रगति, उपयोग प्रमाणपत्र और पूर्णता प्रमाणपत्र के आधार पर संबंधित विभाग या एजेंसी को किया जाएगा।
विधायक निधि योजना : मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार की इस योजना के अंतर्गत विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य करवाते हैं। इस योजना में अब भुगतान जारी करने के मामले में बड़ा बदलाव किया गया है। इन विकास योजनाओं के लिए शहरी विकास विभाग धनराशि जारी करता है। अब पहली किश्त, यानी अनुमानित राशि का 10 प्रतिशत कार्य स्वीकृत करते समय कार्यकारी एजेंसियों को जारी किया जाएगा। दूसरी किश्त यानी पहले जारी की गई 10 प्रतिशत राशि को जोड़कर निविदा राशि का 50 प्रतिशत आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने पर जारी किया जाएगा। इसका अर्थ यही है कि कार्य शुरू होते ही प्रोजेक्ट की कुल राशि की आधी धनराशि जारी कर दी जाएगी। बाकी 50 प्रतिशत धनराशि कार्य पूरा होने पर जारी कर दी जाएगी। इसका बड़ा लाभ यह होगा कि निर्माण करने वाली कंपनी या कॉन्ट्रेक्टरों को अपना भुगतान पाने में बहुत अधिक समय नहीं लगेगा।
अनधिकृत कॉलोनियों में नगर निगम भी विकास कार्य कर सकेगी : मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि क्षेत्रीय विधायक अपने फंड से विकास कार्य अब दिल्ली नगर निगम से भी करा सकेंगे। पहले यह काम सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग या दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) से ही करवा पाते थे। इसमें समस्या यह आती थी कि छोटे विकास कार्यों में ज्यादा समय लगता था, क्योंकि ये विभाग बड़े काम प्राथमिकता के आधार पर करते हैं। अब छोटे कार्य जल्द ही नगर निगम द्वारा निपटा दिए जाएंगे।
डीएसआर 2023 को लागू किया गया : मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब निर्माण कार्यों के लिए दिल्ली दर अनुसूची (डीएसआर)- 2023 को फॉलो किया जा रहा है, जबकि अभी तक डीएसआर- 2016 लागू थी। बीच में इसमें कुछ बदलाव किए गए लेकिन वह परिपूर्ण नहीं थे। असल में डीएसआर विभिन्न निर्माण वस्तुओं, सामग्रियों और श्रम के लिए दरों की एक विस्तृत सूची प्रदान करता है, जो लागत अनुमान और निविदा प्रक्रियाओं के लिए एक मानक संदर्भ के रूप में कार्य करता है। यह सीपीडब्ल्यूडी द्वारा प्रकाशित है किया जाता है। चूंकि अब वर्ष 2023 लागू कर दिया गया है तो कॉन्ट्रेक्टर कंपनी को उपरोक्त वर्ष के हिसाब से निर्माण सामग्रियों, श्रम दरों का भुगतान किया जाएगा। इसका एक लाभ यह होगा कि बड़ी कंपनियां भी अब विकास कार्य करने में रुचि दिखाएंगी।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
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