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गायत्री जयंती महापर्व में पहुंचे हजारों श्रद्धालु, राष्ट्र और समाज के नव निर्माण का लिया संकल्प

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हरिद्वार, 4 जून (Udaipur Kiran) । गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में चल रहे तीन दिवसीय गायत्री जयंती महापर्व के दूसरे दिन की शुरुआत चौबीस घंटे के अखण्ड जप के शुभारंभ के साथ हुई। । इस विशेष अनुष्ठान में देश-विदेश से हजारों साधकों ने देश की अखण्डता एवं समृद्धि की प्रार्थना की।

गायत्री जयंती की पूर्व संध्या पर साधकों को संबोधित करते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह समय जागने व जगाने का है। हमें ईमानदारी, समझदारी, जिम्मेदारी और बहादुरी के साथ देश की अखण्डता, समृद्धि और सामाजिक समरसता के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने जीवन में आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाएं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के संवाहक बनें।

इससे पूर्व सभा को संबोधित करते हुए महिला मण्डल की प्रमुख शैफाली पण्ड्या ने कहा कि माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी तथा सिद्ध अखण्ड दीपक का शताब्दी वर्ष 2026 को उत्साहपूर्वक मनाया जाएगा। इस अवसर पर देश-विदेश में ज्योति कलश यात्राओं के माध्यम से उनके विचारों और प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य हो रहा है। उन्होंने सभी से इसमें सहभागिता का आग्रह किया।

व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि ने बताया कि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा 1971 में स्थापित यह तीर्थस्थल आज भी चौबीसों घंटे गायत्री महामंत्र के अनुष्ठान से आलोकित रहता है। श्याम बिहारी दुबे ने गायत्री परिवार के अभियानों को मत्स्यावतार की भांति विस्तार पाते हुए बताया। डॉ. ओपी शर्मा ने संगठन के विविध आयामों की जानकारी दी।

महापर्व में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम, गायत्री महायज्ञ, सत्संग, प्रवचन और भक्ति प्रस्तुतियाँ साधकों के बीच गहरी श्रद्धा और प्रेरणा का स्रोत बनीं। यह आयोजन जीवन में उत्कृष्टता, मूल्यसंस्कार और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक संगठित प्रयास है। दूसरे दिन के प्रमुख आयोजन सामूहिक गायत्री महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने विशेष वैदिक मंत्रों के साथ आहुतियां समर्पित कीं, जो विश्व शांति और मानवीय चेतना के जागरण हेतु समर्पित थीं।

शांतिकुंज मीडिया विभाग ने बताया कि महापर्व का मुख्य कार्यक्रम गुरुवार को आयोजित होगा, जिसमें अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी द्वारा सैकड़ों नव साधकों को गायत्री मंत्र दीक्षा प्रदान की जाएगी। साथ ही नामकरण, अन्नप्राशन, मुण्डन, जनेऊ सहित विविध संस्कार निःशुल्क संपन्न कराए जाएंगे।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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