उज्जैन, 08 मई . उज्जैन की बड़नगर तहसील में आयोजित एक सभा के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में पटवारी ने दावा किया कि सिंहस्थ को देखते हुए उज्जैन में होटल व्यवसाय शुरू करने वाले लोगों से 20 प्रतिशत ‘नारायण टैक्स’ वसूला जा रहा है. उन्होंने मंच से कहा कि यह टैक्स हर उस व्यक्ति से लिया जा रहा है जो होटल बना रहा है, ठेकेदारी कर रहा है या शराब व्यवसाय में लगा है. उन्होंने इस टैक्स को भोलेनाथ की नगरी के नाम पर लगाया गया ‘नारायण टैक्स’ बताया. पटवारी के इस बयान पर अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बड़े भाई नारायण यादव ने कड़ा एतराज जताते हुए 10 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा है. नोटिस गुरुवार को अधिवक्ता वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से भेजा गया है.
वीडियो में जीतू पटवारी श्रीमन नारायण-नारायण भजन गाते हुए नजर आ रहे हैं. वे कह रहे हैं कि जमीन का कोई धंधा कर लो तो नारायण टैक्स लग जाता है. इंदौर में भी नारायण टैक्स की हवा आ रही है, वहां भी एक दयालु बाबा थे, जिनका टैक्स लगता था. अब नारायण भैया ने भी खुद का नाम दयालु बाबा रख लिया है. जो जब तक मोहन भैया को कुर्सी से नहीं हटा लेंगे, दम नहीं लेंगे.
इस संपूर्ण मामले से आहत होकर समाजसेवी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बड़े भाई नारायण यादव ने अपने सीनियर एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को भेजा है. नोटिस के माध्यम से समाजसेवी नारायण यादव के एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा ने स्पष्ट लिखा है कि आपके इस कृत्य से मेरे पक्षकार को काफी हानि पहुंची है उनके पास लगातार प्रदेश भर से फोन आ रहे हैं जो कि पीड़ादायक है.
नोटिस में लिखा गया है कि जीतू पटवारी ने जनता के बीच उन्हें टैक्स वसूली में लिप्त व्यक्ति के रूप में प्रचारित किया, जो उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला है. नोटिस में यह भी कहा गया है कि पटवारी प्रदेश के एक प्रमुख राजनीतिक पद पर आसीन हैं, बावजूद इसके उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान देकर जनता को गुमराह किया.
नोटिस में यह भी कहा गया है कि पटवारी का यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा-356 के अंतर्गत आता है, जो कि एक आपराधिक कृत्य है. नारायण यादव की ओर से कहा गया है कि यह बयान पूरी तरह से पूर्व नियोजित और दुर्भावनापूर्ण था, जिसका उद्देश्य राजनीतिक लाभ के लिए उनकी छवि धूमिल करना है.
एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि नोटिस में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के साथ ही तत्काल 10 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि अदा करने की मांग की गई है. इसके अलावा नोटिस भेजने पर आए खर्च के रूप में एक लाख रुपये अलग से मांगे गए हैं.
तोमर
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