भागलपुर, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का मंगलवार को भागलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में विधिवत समापन हुआ। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अस्पताल के अधीक्षक सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ चिकित्सकों, जूनियर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की आवश्यकता और इसकी वर्तमान प्रासंगिकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। अधीक्षक ने कहा यह एक्ट हम डॉक्टरों के लिए एक सुरक्षा कवच है, लेकिन इसके प्रावधानों और उद्देश्यों को आम जनता तक पहुंचाना भी हमारा कर्तव्य है।
चिकित्सकों ने कहा कि वर्तमान समय में कई बार गलतफहमियों या अधूरी जानकारी के कारण डॉक्टरों को आम जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ता है, जो पूरी तरह अनुचित है। ऐसी घटनाएं न केवल चिकित्सकों का मनोबल गिराती हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। कार्यक्रम में आए जूनियर डॉक्टरों और नर्सों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस प्रकार कभी-कभी मरीज के तीमारदारों द्वारा असहमति या भ्रम के चलते उन्हें मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि यह कानून न केवल चिकित्सकों की सुरक्षा करता है, बल्कि समाज को यह भी सिखाता है कि चिकित्सा सेवा एक संवेदनशील और समर्पित कार्य है जिसमें समय, धैर्य और विश्वास की आवश्यकता होती है कार्यक्रम के दौरान जन-जागरूकता के लिए पोस्टर, पर्चे और स्लाइड प्रेजेंटेशन के माध्यम से लोगों को यह बताया गया कि डॉक्टरों के साथ सहयोग और संवाद किस प्रकार बेहतर इलाज में सहायक हो सकता है। आमजन से अपील की गई कि किसी भी स्थिति में चिकित्सकों के साथ संयम और सम्मानपूर्ण व्यवहार बनाए रखें।
कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित जनों के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। आयोजकों ने आशा जताई कि इस अभियान से आम जनता और चिकित्सा समुदाय के बीच बेहतर समझ और विश्वास का वातावरण बनेगा।
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(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर
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