नई दिल्ली, 23 अप्रैल . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार तड़के सऊदी अरब की दो दिवसीय अपनी राजकीय यात्रा को पहलगाम हमले के चलते अधूरा छोड़ भारत लौट आए. एक दिन की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ ‘रणनीतिक साझेदारी परिषद’ की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता की और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की. दोनों देशों की ओर से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया गया और दूसरे देशों के खिलाफ आतंकी कृत्य करने के लिए मिसाइलों और ड्रोन सहित अन्य हथियारों तक पहुंच को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया.
यह प्रधानमंत्री मोदी का सऊदी अरब का तीसरा दौरा था. उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों जैसे रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, व्यापार, निवेश और संस्कृति में सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया. सितंबर 2023 में सऊदी क्राउन प्रिंस भारत दौरे पर आए थे. उस समय रणनीतिक परिषद की पहली बैठक हुई थी. इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इनमें भारत और सऊदी के बीच अंतरिक्ष, एंटी-डोपिंग तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन शामिल है. इसके अलावा पार्सल सेवा पर द्विपक्षीय समझौता हुआ है.
संयुक्त वक्तव्य में दोनों पक्षों ने 22 अप्रैल (मंगलवार) को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. वे इस बात पर सहमत हुए कि आतंकी कृत्य को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ दोनों पक्षों के बीच उत्कृष्ट सहयोग का स्वागत किया. सीमा पार आतंकवाद की निंदा की और दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवाद को हथियार बनाने को अस्वीकार करने, आतंकवाद के बुनियादी ढांचा को नष्ट करने और आतंकवाद के अपराधियों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया. दोनों पक्षों ने दूसरे देशों के खिलाफ आतंकी कृत्य करने के लिए मिसाइलों और ड्रोन सहित हथियारों तक पहुंच को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया.
दोनों पक्षों ने सामरिक भागीदारी के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में रक्षा संबंधों को मजबूत करने की सराहना की और सामरिक भागीदारी परिषद के तहत रक्षा सहयोग पर एक मंत्रिस्तरीय समिति के गठन का स्वागत किया. उन्होंने सितंबर 2024 में रियाद में आयोजित रक्षा सहयोग पर संयुक्त समिति की छठी बैठक के परिणामों का स्वागत किया, जिसमें तीनों सेनाओं के बीच स्टाफ-स्तरीय वार्ता की शुरुआत का उल्लेख किया गया.
दोनों पक्ष रक्षा उद्योग सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए. भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर सहमति जताते हुए, दोनों देशों ने परिवहन और व्यापार लिंक को मजबूत करने के लिए कार्य करने का निर्णय लिया. यमन में मानवीय सहायता के लिए दोनों देशों ने अपने प्रयासों को बढ़ाने पर सहमति जताई, जिससे संकटग्रस्त क्षेत्रों में सहायता पहुंचाई जा सके.
सऊदी अरब के साथ भारत की साझेदारी कई वैश्विक मुद्दों पर भी केंद्रित है. दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, और स्वास्थ्य संकट जैसे विषयों पर सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में भारत ने सऊदी अरब की ‘सऊदी ग्रीन पहल’ का समर्थन किया और दोनों पक्षों ने कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता को स्वीकार किया.
आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में दोनों देशों ने निवेश प्रवाह को बढ़ाने के लिए उच्चस्तरीय कार्यबल का गठन किया है. सऊदी अरब की ‘विजन 2030’ योजना के तहत भारत की तकनीकी और आर्थिक सहायता की आवश्यकता को पहचानते हुए दोनों पक्षों ने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर विचार किया. ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने वैश्विक तेल बाजार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहयोग पर सहमति व्यक्त की. दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा, समुद्री सीमा सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय अपराध के खिलाफ आपसी सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया. जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दोनों देशों ने ‘सऊदी ग्रीन पहल’ का समर्थन किया और कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लिया.
स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत और सऊदी अरब ने स्वास्थ्य संकटों के खिलाफ मिलकर काम करने के लिए सहमति जताई, जिसमें दवाओं के तेज पंजीकरण की प्रक्रिया शामिल है. सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों ने पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए मंत्री स्तरीय समिति का गठन किया. नई तकनीकों, जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर्स में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक समझौतों की दिशा में काम करने पर सहमति बनी है, जिससे खाद्य आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों की सऊदी अरब में उपस्थिति को स्वीकार किया गया है. अंतरिक्ष गतिविधियों में सहयोग को बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो दोनों देशों के बीच अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा. जी20, आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों ने मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की.
प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब की सफल विश्व एक्सपो 2030 और फीफा विश्व कप 2034 की मेज़बानी के लिए क्राउन प्रिंस को बधाई दी. दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की.
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/ अनूप शर्मा
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