– Chief Minister ने 700 एमएसएमई इकाइयों को वितरित की 197 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि
– 237 उद्यमियों को दिए भू-आवंटन पत्र, 63 स्टार्ट अप्स को मिली एक करोड़ रुपये की राशि
भोपाल, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के Chief Minister डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश में उद्यमिता को प्रोत्साहन देकर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. यह वर्ष हम निवेश और रोजगार वर्ष के रूप में मना रहे हैं. हम आज हमारी युवा शक्ति, हमारे सपनों और अपने सुनहरे भविष्य में निवेश कर रहे हैं. उद्यम क्रांति योजना ने प्रदेश के हजारों युवाओं को बैंकिंग सहायता देकर उद्योग शुरू करने का हौसला दिया है. अब हमारे युवा रोजगार मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि एमएसएमई Indian अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. आप सभी देश का कोष भरते हैं. रोजगार के अवसर देते हैं और आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत करते हैं.
Chief Minister डॉ. यादव Monday शाम को भोपाल के एक निजी होटल में आयोजित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि दीपावली से पहले इस मंच पर नये भारत के निर्माण की रोशनी फैली है. आज का यह सम्मेलन औद्योगिक कार्यक्रम नहीं बल्कि नए भारत के दीपोत्सव का शुभारम्भ है. यह सम्मेलन विश्वास और स्वाभिमान का उत्सव है.
इस अवसर पर Chief Minister ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की योजना के तहत 700 एमएसएमई इकाइयों को सिंगल क्लिक से 197 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन सहायता राशि वितरित की. उन्होंने शासन की नवीन स्टार्टअप नीति के अंतर्गत 63 स्टार्टअप्स को ईआईआर सहायता योजना के तहत सालाना 1.20 लाख प्रति स्टार्ट अप की दर से एक करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि के चेक भी प्रदान किए. Chief Minister ने 237 एमएसएमई उद्यमियों को भू-आवंटन पत्र भी प्रदान किए, जिससे उन्हें उद्योग स्थापना में सुगमता होगी. साथ ही Chief Minister उद्यम क्रांति योजना के तहत 5084 युवाओं को 347 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक ऋण सहायता राशि भी वितरित की.
Chief Minister ने सम्मेलन में आये सभी उद्यमियों से आत्मीय संवाद कर एमएसएमई सेक्टर के विकास और प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए है कि आज 700 एमएसएमई इकाइयों को 197 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली है. Chief Minister उद्यम क्रांति योजना के तहत 5 हजार 84 युवाओं को 347 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया जा रहा है. Chief Minister ने उद्यमियों को शुभकामनाएं देकर कहा कि ईश्वर करे आप सबका उद्योग खूब फले-फूले और आप आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का आधार बनें.
उन्होंने कहा कि आज भारत की लगभग 80 करोड़ से अधिक आबादी किसी न किसी रूप में एमएसएमई से जुड़ी हुई है. यह विशाल आंकड़ा है. आप करोड़ों परिवारों की आशा, आत्मसम्मान और स्वावलंबन का आधार हैं. भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग कई देशों की जनसंख्या को रोजगार देने की क्षमता रखते हैं, बड़ी संख्या में रोजगार सृजन एमएसएमई के माध्यम से होता है. एमएसएमई पूरे देश का उदर पोषण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आप सभी रोजगार के सबसे बड़े निर्माता हैं. गांव, कस्बे और शहर हर जगह लघु उद्योग लाखों लोगों को रोजगार दे रहे हैं, स्वावलंबी बना रहे हैं.
Chief Minister ने कहा कि भारत में 6 करोड़ से अधिक एमएसएमई हैं, जो देश की जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत योगदान करते हैं और कुल निर्यात में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं. आज हम विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन पाए हैं, तो इसमें लघु उद्योगों का बड़ा योगदान है. माहेश्वरी साड़ी, सीहोर का शरबती गेहूं, रायसेन का बासमती चावल, भोपाल की जरी, झाबुआ की गुड़िया, डिंडौरी का श्रीअन्न अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनने की क्षमता रखते हैं. यह हमारी विरासत और लघु उद्योगों की शक्ति है.
Chief Minister डॉ. यादव ने कहा कि नए स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए Madhya Pradesh स्टार्टअप पॉलिसी- 2025 के तहत हमने एक साल तक प्रतिमाह 10 हजार रुपये की सहायता का प्रावधान किया है. हमारी नीतियों और सहयोग से वर्तमान में प्रदेश में चार लाख से अधिक विनिर्माण इकाई एमएसएमई रजिस्टर्ड हैं. हम एमएसएमई की स्थापना के लिए सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्टार्टअप इंडिया के विजन को साकार करने में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है. वर्तमान में प्रदेश में 6 हजार से अधिक रजिस्टर्ड स्टार्ट-अप हैं, इनमें से 47 प्रतिशत स्टार्ट-अप की मालकिन हमारी बहनें हैं. प्रदेश के 102 इंक्यूबेशन सेंटर युवाओं को आइडिया आगे बढ़ाने का मौका दे रहे हैं. स्टार्ट-अप रैंकिंग 2022 में प्रदेश को लीडर श्रेणी में जगह मिली.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष उद्योगों को 800 से अधिक भू-खण्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं. 19 नए औद्योगिक क्षेत्र बनाए जा रहे हैं और 10 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. प्रदेश में Chief Minister उद्यम क्रांति योजना के तहत 50 लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटी के बैकों के माध्यम से दिया जा रहा है. उद्योग लगाने वाले युवाओं को हम जमीन और पूंजी दोनों उपलब्ध करा रहे हैं. डिजिटल रिटर्न की व्यवस्था से अब फाइलिंग आसान हो गई है. जीएसटी ने हमारे उद्योगों को एक नई पहचान दी है.
Chief Minister ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया है. इसीलिए हम सबका दायित्व है कि इस मंत्र को आर्थिक स्वतंत्रता का नारा बनाएं. स्वदेशी हमें विदेशी निर्भरता से मुक्त करता है. आत्मनिर्भर भारत का मार्ग बड़े-बड़े उद्योगों से नहीं, बल्कि घर-घर की चौखट से शुरू होने वाले छोटे-छोटे उद्योगों से निकलता है. एमएसएमई के माध्यम से हम स्थानीय उद्योगों की मदद से भारत को 2047 तक सबसे मज़बूत और आत्मनिर्भर बनाकर रहेंगे.
उन्होंने विश्वास जताया कि स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत की दिवाली इस सम्मेलन से शुरू हो रही है. उन्होंने सभी उद्यमियों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी भारत और मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भरता से रौशन कीजिये, हमारी सरकार सदैव आपके साथ हैं. सम्मेलन में Chief Minister ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बालाघाट और टीकमगढ़ जिले के लघु उद्यमियों से चर्चा कर उन्हें प्रोत्साहित किया. साथ ही सम्मेलन स्थल में मौजूद भोपाल जिले के उद्योगपतियों और नव उद्यमियों से भी आत्मीय संवाद किया.
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने कहा कि आज उद्यमियों को अगस्त 2025 तक की करीब 200 करोड़ की प्रोत्साहन राशि दी गई है. Madhya Pradesh देश का इकलौता राज्य है, जहां इतनी तेजी से उद्यमियों को प्रोत्साहन राशि वितरित की जा रही है. प्रदेश में पहली बार 50 प्रतिशत लैंड लॉक सब्सिडी शुरू की है. इसका लाभ छोटे व्यवसायियों को निर्यात में मिलेगा. सभी व्यापारी इस सब्सिडी का लाभ उठाएं. इससे उद्योग नहीं चलता, लेकिन सब्सिडी किसी उद्योगपति के लिए शुरुआती दो साल में सबसे अधिक मदद करती है. यह उद्योग चलाने के लिए हैंड होल्डिंग है. सम्मेलन को प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने भी संबोधित किया.
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(Udaipur Kiran) तोमर
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