नई दिल्ली, 28 अप्रैल . पहलगाम आतंकी हमले के बाद से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से ऊल-जलूल बयानों की बाढ़ आ गई है. इसी क्रम में कांग्रेस के एक नेता (मणिशंकर अय्यर) ने शनिवार को एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिसे लेकर अय्यर और कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा-नीत एनडीए के निशाने पर आ गए. नतीजतन, कांग्रेस की हो रही किरकिरी के मद्देनजर पार्टी महासचिव (संचार) जयराम रमेश को डैमेज कंट्रोल के लिए आगे आना पड़ा. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी तथा एआईसीसी पदाधिकारियों के विचार ही कांग्रेस के आधिकारिक बयान हैं. इनके अलावा कांग्रेस के जो अन्य नेता मीडिया में बयान दे रहे हैं, वे उनके निजी बयान हैं.
दरअसल, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने शनिवार को नई दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान कहा था कि क्या 22 अप्रैल को पहलगाम में बैसरन के हरे-भरे पर्यटक स्थल पर हुआ आतंकवादी हमला ‘विभाजन के अनसुलझे सवालों’ का नतीजा था.
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने आज दोपहर एक पत्रकार वार्ता में कांग्रेस पार्टी और मणिशंकर अय्यर पर इस बयान के लिए जोरदार हमला बोला. रविशंकर ने मणिशंकर के विवादित बयान को अत्यंत असंवेदनशील करार दिया. रविशंकर ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे का अपनी पार्टी पर कोई नियंत्रण नहीं है? एक तरफ कांग्रेस का आधिकारिक बयान कहता है कि वे देश के साथ खड़े हैं, लेकिन दूसरी तरफ उनके नेता (मणिशंकर अय्यर) जो चाहें कहने के लिए स्वतंत्र हैं. पाकिस्तान इन बयानों का इस्तेमाल अपने मीडिया अभियानों में कर रहा है. ऐसे समय में जब भारत को एकजुट होने की जरूरत है, ये टिप्पणियां हमारे देश की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं. हम इस बारे में प्रेसवार्ता नहीं करना चाहते थे लेकिन इस तरह के व्यवहार के पैटर्न पर ध्यान दिया जाना चाहिए. जब पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है, तो भी हम एकजुट क्यों नहीं हो सकते?
रविशंकर प्रसाद के इन तीखे सवालों के चंद घंटे के अंदर ही कांग्रेस को डैमेज कंट्रोल के लिए आधिकारिक बयान जारी करना पड़ा. पार्टी महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने 24 अप्रैल 2025 को बैठक की और दो दिन पहले पहलगाम में पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकी हमले पर एक प्रस्ताव पारित किया. इसके बाद 25 अप्रैल 2025 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया और पार्टी का पक्ष रखा. कांग्रेस के कुछ नेता मीडिया से चर्चा कर रहे हैं. वे केवल अपनी व्यक्तिगत राय रखते हैं, वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते. ऐसे अत्यंत संवेदनशील समय में इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि केवल कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का प्रस्ताव, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी द्वारा व्यक्त विचार और अधिकृत एआईसीसी पदाधिकारियों के विचार ही कांग्रेस की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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/ दधिबल यादव
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