अंबिकापुर, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के प्रेरणादायी जीवन पर आधारित नाट्य मंचन ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के दर्शकों को आज भावविभोर कर दिया. स्थानीय पी.जी. कॉलेज के सभागार में Chhattisgarh शासन के संस्कृति विभाग एवं संस्कार सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस भव्य नाट्य प्रस्तुति में नादब्रम्हा नाट्य ग्रुप ने डॉ. हेडगेवार के जीवन दर्शन को मंच पर जीवंत कर दिया.
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं, जबकि संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल ने अध्यक्षता की. आरएसएस प्रांत सेवा प्रमुख तुलसीदास और संस्कार सेवा समिति अध्यक्ष भगवानदास बंसल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. नाट्य मंचन के दौरान डॉ. हेडगेवार के प्रत्येक संवाद पर “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारों से सभागार गूंज उठा. लंबे समय बाद शहर के कला प्रेमियों ने नाट्य विधा का ऐसा जीवंत अभिनय देखा, जिसकी सभी ने सराहना की.
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्र यज्ञ में स्वयं को पूर्णतः समर्पित कर दिया. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कर देश को एकता और अनुशासन के सूत्र में बांधने का कार्य किया. उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार की सोच थी कि भारत तभी प्रगति करेगा जब हर नागरिक में राष्ट्र चेतना और अनुशासन का भाव जागृत होगा.
संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि डॉ. हेडगेवार केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे, जिनका सम्पूर्ण जीवन भारत माता की सेवा को समर्पित था. उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तित्वों का जीवन नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है.
नादब्रम्हा नाट्य ग्रुप के निर्माता पद्माकर धानोरकर ने बताया कि Maharashtra और गोवा के बाद अब Chhattisgarh तीसरा राज्य है जहां इस नाट्य मंचन को अपार प्रेम और उत्साह मिला है. आने वाले समय में यह प्रस्तुति देश के अन्य राज्यों में भी दिखाई जाएगी.
कार्यक्रम का संचालन संस्कार सेवा समिति के सचिव अजय मिश्रा ने किया और आभार प्रदर्शन कार्यक्रम संयोजक नरेंद्र सिन्हा ने किया. इस अवसर पर विभाग संघचालक जलजीत सिंह, विधायक प्रबोध मिंज, विधायक रामकुमार टोप्पो, महापौर मंजूषा भगत, युवा आयोग अध्यक्ष विश्वविजय तोमर, भाजपा प्रदेश महामंत्री अखिलेश सोनी सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन, आरएसएस पदाधिकारी और कला प्रेमी उपस्थित रहे.
(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह
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