नई दिल्ली, 15 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से दिए गए संबोधन में कहा कि विकसित भारत का आधार आत्मनिर्भर भारत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामर्थ्य बनाए रखने के लिए आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरों पर निर्भरता, आजादी पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। आत्मनिर्भर बनने के लिए निरंतर जागरूक रहना जरूरी है। उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सामर्थ्य से जुड़ी हुई है। सामर्थ्य को सुरक्षित रखने और उसे निरंतर मजबूत बनाने के लिए आत्मनिर्भर होना अनिवार्य है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और सेना अपनी शर्तों व समय पर ही कार्रवाई करेगी। उन्होंने दोहराया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते और सिंधु जल समझौते को अन्यायपूर्ण तथा एकतरफा बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंधु जल समझौते ने देश के किसानों को अकल्पनीय नुकसान पहुंचाया है और किसान हित व राष्ट्रहित में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि वे भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे। उनका जीवन राष्ट्र के लिए प्रेरणा है। धारा 370 की दीवार गिराकर, एक देश-एक संविधान के मंत्र को जब हमने साकार किया, तो हमने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धाजंलि दी।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
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