– राजस्व वादों के मामलों के तेजी से निस्तारण के सीएम योगी के निर्देशों का दिख रहा असर
लखनऊ, 02 जून . प्रदेश में राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनीटरिंग का असर साफ नजर आ रहा है. मुख्यमंत्री योगी खुद हर माह जिलेवार मामलों की समीक्षा भी करते रहते हैं. योगी सरकार की विशेष पहल के तहत तेजी से मामलों के निपटारे की रणनीति को अपनाया गया, जिससे राजस्व विवादों के मामलों में बड़ा सुधार देखने को मिला है.
इसी का नतीजा है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश भर में राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी देखी गयी है. राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) द्वारा मई माह की जारी रिपोर्ट में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक राजधानी में मामलों को निस्तारित किया गया है, जबकि जनपद स्तरीय न्यायालय में राजस्व के मामले निपटाने में एक बार फिर जौनपुर ने बाजी मारी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश है कि राजस्व विवादों के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए. इसी के तहत प्रदेश के जिलाधिकारी और अन्य सम्बंधित अधिकारी पूरी तत्परता से मामलों का निस्तारण कर रहे हैं. राजस्व परिषद की आरसीसीएमएस की मई माह की रिपोर्ट के अनुसार मई में पूरे प्रदेश में कुल 3,20,719 राजस्व मामलों को निस्तारण किया गया. इसमें सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में 15,137 मामले निस्तारित किये गये, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक हैं. इसके बाद जौनपुर कुल 9,945 मामलों को निस्तारित कर पूरे प्रदेश में दूसरे, प्रयागराज 9,525 मामलों को निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है.
जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुसार राजस्व मामलों को निस्तारित किया जा रहा है. बोर्ड ऑफ रेवन्यू की मई माह की राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से अधिक मामलों का निस्तारण किया है. जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के प्रति माह निस्तारण के मानक 250 के सापेक्ष 563 मामलों का निस्तारण किया है. इसका प्रतिशत 225.20 है. इसी के साथ जनपदीय न्यायायल में राजस्व मामलों के निस्तारण में प्रदेश में जौनपुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है जबकि 549 मामलों को निस्तारण कर दूसरे स्थान पर सुल्तानपुर और 262 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर गाजीपुर है. इसी तरह मई में अयोध्या के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 69 मामलों का निस्तारण कर 230 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जो की प्रदेश भर में सबसे अधिक है और अयोध्या प्रदेश भर में पहले स्थान पर है. वहीं जौनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 66 मामले निस्तारित किये गये. मऊ के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 65 मामले निस्तारित किये गये. इसी तरह जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गये मामलों में क्रमश: जौनपुर दूसरे और मऊ तीसरे स्थान पर है.
–भू राजस्व सम्बंधित मामलों के निस्तारण में भी जौनपुर अव्वलइसी प्रकार अपर जिलाधिकारी भू राजस्व जौनपुर निर्धारित मानक 50 के सापेक्ष कुल 208 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है. अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व गाजीपुर कुल 61 वादों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर है. अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व मीरजापुर कुल 24 वादों का निस्तारण कर तीसरे स्थान पर है. इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 50 के मानक के मुकाबले 146 मामलों का निस्तारण कर 292 प्रतिशत हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है. जबकि 138 मामले निस्तारित कर बाराबंकी दूसरे और 114 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है. इसके अलावा अतिरिक्त उपजिलाधिकारी प्रथम जौनपुर अपने मानक 60 के सापेक्ष कुल 80 राजस्व वादों निस्तारण कर सूची में 37वें स्थान पर है. अतिरिक्त उपजिलाधिकारी द्वितीय जौनपुर अपने मानक 60 के सापेक्ष कुल 63 राजस्व वादों का निस्तारण कर सूची में 37वें स्थान पर हैं.
/ दिलीप शुक्ला
You may also like
देश में कोरोना के मामले बढ़कर हुए 4,302, पिछले 24 घंटे में 7 लोगों को मौत
विधानसभा चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान चलाएगी भाजपा
स्टॉक मार्केट में स्कोडा ट्यूब्स की फ्लैट एंट्री, लिस्टिंग के बाद खरीदारी से निवेशकों को मिली मामूली राहत
झारखंड बंद को लेकर समर्थक सड़क पर उतरे, पुलिस अलर्ट
SI Paper Leak मामले में शोभा राईका की जमानत को लेर मचा बवाल, आखिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पीछे क्या है वजह ?