कोलकाता, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) . एसआईआर के विरोध में ठाकुरनगर के मतुआ ठाकुरबाड़ी में चल रहे अनशन कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को तीन अनशनकारी अचानक बीमार पड़ गए. सूत्रों के अनुसार, तीनों अनशनकारियों को तत्काल चिकित्सकीय सहायता दी गई और वहीं मंच पर उन्हें सलाइन चढ़ाने की व्यवस्था की गई. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे अनशन नहीं तोड़ेंगे.
जानकारी के मुताबिक, इस अनशन में कुल 21 लोग शामिल हैं. Saturday को इस आंदोलन का चौथा दिन है. बुधवार से तृणमूल कांग्रेस समर्थित ऑल इंडिया मतुआ महासंघ के नेतृत्व में यह अनशन शुरू हुआ था. शुरुआत में 24 लोग अनशन पर बैठे थे. शुक्रवार को तीन अन्य अनशनकारी, नगेन मंडल, नारायण बारुई और त्रिनाथ घरामी की तबीयत बिगड़ गई.
मौके पर मौजूद मेडिकल टीम ने बताया कि तीनों में डिहाइड्रेशन की समस्या पाई गई है और एक व्यक्ति की हालत अपेक्षाकृत गंभीर है. उनका ब्लड प्रेशर काफी नीचे चला गया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने तुरंत सलाइन देने का फैसला किया. इसके बावजूद तीनों ने मंच नहीं छोड़ा और वहीं अनशन जारी रखा.
यह अनशन ठाकुरबाड़ी में बड़ो मां बीनापाणी देवी के घर के सामने चल रहा है. महासंघ के संगठन सचिव नरोत्तम विश्वास ने कहा, “जो लोग इस अनशन में बैठे हैं, वे सभी मतदाता हैं और 2002 की मतदाता सूची में उनके नाम दर्ज हैं. वे किसी स्वार्थ से नहीं, बल्कि आम लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह आंदोलन कर रहे हैं.”
एसआईआर को लेकर मतुआ ठाकुरबाड़ी में इस समय आंतरिक गुटबाज़ी चरम पर है. “हिंदू प्रमाणपत्र” वितरण को लेकर भी मतुआ समुदाय में तीखी नाराज़गी है. समुदाय के कुछ लोग कह रहे हैं, “हम हिंदू होते हुए भी 100 रुपये खर्च करके किसी से प्रमाणपत्र क्यों लें?”
इस मुद्दे पर ठाकुरबाड़ी के भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर और विधायक सुब्रत ठाकुर को लेकर तृणमूल की राज्यसभा सांसद ममताबाला ठाकुर ने कड़ी टिप्पणी की है. उनका आरोप है कि भाजपा इस धार्मिक और सामाजिक आंदोलन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है.
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
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