– कोर्ट ने 19 हजार से अधिक मामलों का किया निपटारा
लखनऊ, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में एक वर्ष पहले चलाए गए ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 15 हजार से अधिक अपराधियों को कठोर सजा दिलायी गयी है। इन अपराधियों पर अपराध हत्या, डकैती, लूट, अपहरण और पाॅक्सो एक्ट समेत गंभीर अपराधों में मुकदमें दर्ज थे। इस दौरान गंभीर अपराध के 47 हजार से अधिक मामले चिन्हित किये गये। इनमें से कोर्ट ने 19 हजार से अधिक मामलों का निस्तारण कर अपराधियों को सजा दी।
पॉक्सो और बलात्कार के 6,075 अपराधियों को दिलायी गयी सजा
डीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि शासन के निर्देश पर अपराधियों काे सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए प्रदेश भर में ऑपरेशन कन्विक्शन चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पिछले एक वर्ष में हत्या, डकैती, लूट, अपहरण, पाॅक्सो एक्ट, बलात्कार और चोरी जैसे गंभीर 47,149 अपराध के मामलों को चिन्हित किया गया। इनमें से कोर्ट ने 19,584 मामलों का निर्णय करते हुए 15,641 अपराधियों को सजा सुनायी। उन्होंने बताया कि हत्या के कुल 9,942 चिन्हित मामलों में से 4,137 का निर्णय हुआ, जिनमें से 3,411 अपराधियों को सजा मिली और 726 दोषमुक्त हुए। सजा दर 82.45 प्रतिशत है।
इसी तरह पॉक्सो एक्ट, बलात्कार के 27,074 मामलों में 9,140 का निपटारा हुआ, जिसमें से 6,075 को सजा और 3065 दोषमुक्त हुए। इसमें सजा दर 66.46 प्रतिशत है। इसके अलावा डकैती के 461 मामलों में 203 का निर्णय हुआ, जिनमें से 174 को सजा मिली और 29 बरी हुए। इसमें सजा दर 85.71 प्रतिशत है।
लूट के 1,969 मामलों में 780 निपटारे के बाद 740 को सजा और 40 को बरी किया गया। इसमें सजा दर 94.87 प्रतिशत रही। इसके साथ ही चोरी, गृहभेदन के 7,573 मामलों में से 5,246 मामलों का निपटारा हुआ, जिसमें 5175 को सजा और 71 दोषमुक्त हुए। इसकी सजा दर 98.64 प्रतिशत है। इसी तरह अपहरण के 130 मामलों में 78 का निपटारा हुआ, जिनमें से 66 को सजा और 12 दोषमुक्त हुए। इसका सजा दर 84.61 प्रतिशत रहा।
वर्चुअल कोर्ट के जरिये सजा की दर में आयी तेजी
डीजी ने बताया कि ऑपरेशन कन्विक्शन को प्रभावी बनाने के लिए योगी सरकार में टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया गया। इसमें ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल, केस ट्रैकिंग सिस्टम, वर्चुअल कोर्ट सुनवाई जैसे कई नवाचारों को अपनाया गया है। जिला स्तर पर अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित कर मामलों की त्वरित समीक्षा करवाई जाती है, ताकि दोषियों को जल्द सजा दिलवाई जा सके। अभियान से एक ओर जहां आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है, वहीं अपराधियों में कानून का भय पैदा हुआ है। कई मामलों में देखा गया है कि संगठित गिरोहों का नेटवर्क कमजोर हुआ है और अपराध की प्रवृत्तियों में कमी आई है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन कन्विक्शन न केवल एक अभियान है, बल्कि यह प्रदेश में कानून के शासन की पुनर्स्थापना का प्रतीक बन चुका है।
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(Udaipur Kiran) / दीपक
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