राकेश पाण्डेय, वाराणसी
भारतीय संस्कृति में नारी को हमेशा से देवी का दर्जा दिया गया है। नारी की गरिमा, उसकी सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना हमारी सनातन परंपरा का मूल मंत्र रहा है। इसी भावना को जीवंत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के श्री अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम संस्कृत महाविद्यालय में एक खास कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र, लैपटॉप और सिलाई मशीनें बांटीं।
डबल इंजन सरकार की नारी सशक्तिकरण की पहलमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण और उसका सम्मान हमारी सरकार की प्राथमिकता है। वाराणसी में आयोजित इस कार्यक्रम में डबल इंजन सरकार के प्रयासों को साकार करते हुए युवाओं और खासकर युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए गए। लैपटॉप और सिलाई मशीनों का वितरण इस बात का प्रतीक है कि सरकार नारी को न केवल सम्मान देना चाहती है, बल्कि उसे आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त भी बनाना चाहती है।
नारी सम्मान: सत्कर्म की प्रेरणायोगी जी ने अपने संबोधन में कहा, “नारी का सम्मान करना हर इंसान को सत्कर्म की ओर ले जाता है। जहां नारी की पूजा होती है, वहां सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।” उन्होंने सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही, इस तरह के आयोजनों को और बढ़ावा देने की बात कही, ताकि समाज में नारी के महत्व को और मजबूती मिले।
लाभार्थियों के लिए शुभकामनाएंइस कार्यक्रम में शामिल सभी छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र, लैपटॉप और सिलाई मशीनें प्रदान की गईं। ये उपकरण न केवल उनकी शिक्षा और कौशल को बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का रास्ता भी दिखाएंगे। मुख्यमंत्री ने सभी लाभार्थियों को हार्दिक बधाई दी और उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया।
You may also like
सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी: बॉक्स ऑफिस पर स्थिरता और भविष्य की संभावनाएं
चांदनी बार 2 विवाद: मधुर भंडारकर ने प्रोड्यूसर के खिलाफ उठाया कदम
'तेरी शादी भी करवा देंगे बेटा' धनश्री से तलाक के बाद शिखर धवन ने चहल से किया खास वादा, देखें वीडियो
भारत और श्रीलंका के बीच एशिया कप 2025 का रोमांचक मुकाबला
सिवनीः पति, देवर और दोस्त को मंजू जैन की हत्या के मामले में आजीवन कारावास