मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक ऐसी कहानी सामने आई है, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया। एक मुस्लिम युवती ने इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन हिंदू धर्म को गले लगाया और अब उसका नाम साजिया खान से बदलकर शारदा हो गया है। इतना ही नहीं, साजिया ने अपने प्रेमी मयूर के साथ खंडवा के पवित्र महादेवगढ़ मंदिर में सात फेरे लेकर शादी भी रचा ली। इस अनोखी प्रेम कहानी ने सभी का ध्यान खींचा है।
प्यार की राह में मजहब की दीवारसाजिया और मयूर दोनों खंडवा जिले की भीकनगांव तहसील के चिल्टिया गांव के रहने वाले हैं। दोनों एक-दूसरे को कई सालों से जानते और पसंद करते थे। दोनों का सपना था कि वे एक-दूसरे के साथ जिंदगी बिताएं, लेकिन मजहब की दीवार उनके प्यार के बीच आड़े आ रही थी। आखिरकार, साजिया ने इस दीवार को तोड़ने का फैसला किया। उसने अपनी मर्जी से सनातन धर्म अपनाया और महादेवगढ़ मंदिर पहुंचकर प्रायश्चित अनुष्ठान में हिस्सा लिया। इसके बाद मंदिर के पुजारी ने साजिया (अब शारदा) और मयूर का हिंदू रीति-रिवाज से विवाह करवाया। दोनों ने भगवान महादेव को साक्षी मानकर अग्नि के चारों ओर सात फेरे लिए और जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया।
बचपन से थी सनातन धर्म में रुचिशादी के बाद साजिया, जो अब शारदा बन चुकी हैं, ने अपने दिल की बात साझा की। उन्होंने कहा, “मुझे बचपन से ही सनातन धर्म की अच्छाइयों ने आकर्षित किया। हिंदू धर्म में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता है और उनका सम्मान किया जाता है। मैंने बिना किसी दबाव के, अपनी मर्जी से यह फैसला लिया और महादेवगढ़ मंदिर में शादी की।” उनकी यह बात सुनकर हर कोई उनकी हिम्मत और सनातन धर्म के प्रति उनके लगाव की तारीफ कर रहा है।
मयूर ने बताया प्यार का सफरमयूर ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “हम दोनों एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं और शादी करना चाहते थे। हमें यूट्यूब के जरिए महादेवगढ़ मंदिर के बारे में पता चला। हमने सोचा कि यही सही जगह है अपने प्यार को नया नाम देने के लिए। आज हमने भगवान महादेव के सामने सात फेरे लिए और एक-दूसरे के साथ जिंदगी शुरू की।” मयूर और शारदा की यह प्रेम कहानी न सिर्फ उनके गांव में, बल्कि पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है।
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