Next Story
Newszop

सितंबर में LPG सिलेंडर हुआ सस्ता, जानें आपके शहर में नई कीमत

Send Push

1 सितंबर 2025 की सुबह देश भर में राहत की खबर आई है। कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में ₹51.50 तक की भारी कटौती हुई है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने नए रेट जारी कर दिए हैं, जिससे दिल्ली से कोलकाता और मुंबई से चेन्नई तक व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है। लेकिन, अगर आप घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

कॉमर्शियल सिलेंडर में कितनी कटौती?

19 किलो वाले कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में इस बार कटौती देखने को मिली है। घरेलू 14.2 किलो वाले सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। देश के प्रमुख शहरों में नई कीमतें इस प्रकार हैं:

  • दिल्ली: 19 किलो वाला सिलेंडर अब ₹1580 में मिलेगा, जो पहले ₹1631 था। यानी ₹51 की बचत!
  • कोलकाता: यहां सिलेंडर की कीमत ₹1734 से घटकर ₹1684 हो गई है। जुलाई में यह ₹1769 और जून में ₹1826 था। आज से ₹50 सस्ता।
  • मुंबई: कॉमर्शियल सिलेंडर अब ₹1531.50 में उपलब्ध है। अगस्त में यह ₹1582.50 और जुलाई में ₹1616 था। जून में कीमत ₹1674.50 थी। यहां भी ₹51 की कटौती।
  • चेन्नई: सिलेंडर की कीमत ₹1789 से घटकर ₹1738 हो गई है। जुलाई में यह ₹1823.50 और जून में ₹1881 थी। यहां भी ₹51 की राहत।
घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर

घरेलू 14.2 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में इस बार कोई बदलाव नहीं हुआ है। इंडियन ऑयल के डेटा के अनुसार, मौजूदा कीमतें इस प्रकार हैं:

  • दिल्ली: ₹853
  • मुंबई: ₹852.50
  • लखनऊ: ₹890.50

पिछले कुछ महीनों में घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर रही हैं। अप्रैल 2025 में ₹50 की बढ़ोतरी हुई थी, और पिछले एक साल (अगस्त 2024 से जुलाई 2025) में कुल ₹50 की बढ़ोतरी देखी गई।

पिछले 12 महीनों का ट्रेंड

कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में हाल के महीनों में कई बार कटौती हुई है। जुलाई और अगस्त में प्रति सिलेंडर ₹33 से ₹58 तक की कमी देखी गई। इंडियन ऑयल और अन्य सरकारी तेल कंपनियां हर महीने कीमतों को अपडेट करती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलती है।

एलपीजी की कीमतें कैसे तय होती हैं?

एलपीजी की कीमतें ‘इम्पोर्ट पैरिटी प्राइस’ (IPP) पर आधारित होती हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय कीमतें, डॉलर-रुपया विनिमय दर, फ्रेट चार्ज, टैक्स और लॉजिस्टिक्स लागत शामिल होती है। अलग-अलग राज्यों में टैक्स और परिवहन लागत के कारण कीमतों में थोड़ा अंतर रहता है। सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत पात्र उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है, जो सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर होती है। यह सब्सिडी वास्तविक खर्च को काफी हद तक कम करती है।

Loving Newspoint? Download the app now