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पाकिस्तान में हलचल: बिलावल भुट्टो और आर्मी चीफ के परिवारों ने क्यों छोड़ा देश?

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पाकिस्तान में हाल के दिनों में एक के बाद एक सनसनीखेज खबरें सामने आ रही हैं। पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के परिवार के देश छोड़ने की खबर ने सुर्खियां बटोरीं, और अब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो के परिवार ने भी पाकिस्तान को अलविदा कह दिया है। सूत्रों के अनुसार, बिलावल का परिवार कनाडा में शरण लेने के लिए रवाना हो चुका है। यह घटनाक्रम न केवल पाकिस्तान की राजनीति और सैन्य हलकों में हलचल मचा रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी चर्चा का विषय बन गया है।

क्या है इस पलायन का कारण?

पाकिस्तान में हाल के आतंकी हमलों, खासकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की सख्ती ने पड़ोसी देश में खलबली मचा दी है। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया है कि बिलावल भुट्टो, जो पहले भारत के खिलाफ उग्र बयानबाजी के लिए चर्चा में रहे थे, अब अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उनके परिवार का कनाडा जाना इस बात का संकेत हो सकता है कि पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं और सैन्य अधिकारियों में डर का माहौल है। हालांकि, इन दावों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

बिलावल भुट्टो का विवादित इतिहास

बिलावल भुट्टो, जो पाकिस्तान की सियासत में एक जाना-माना चेहरा हैं, पहले भी अपने बयानों के कारण विवादों में रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिसमें उन्होंने भारत में "खून की नदियां बहाने" की धमकी दी थी। इन बयानों ने न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों को तनावपूर्ण किया, बल्कि उनकी छवि को भी प्रभावित किया। अब उनके परिवार के कनाडा जाने की खबर ने उनके बयानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। क्या यह डर का परिणाम है, या फिर कोई सुनियोजित रणनीति? यह सवाल हर किसी के मन में है।

पाकिस्तान में बढ़ता असंतोष

पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति भी इस पलायन को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आर्थिक संकट, बढ़ती महंगाई, और आतंकवाद के बढ़ते खतरे ने देश के नागरिकों और नेताओं के बीच असंतोष को जन्म दिया है। सेना और राजनीतिक दलों के बीच तनाव भी किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में, शीर्ष नेताओं और सैन्य अधिकारियों के परिवारों का देश छोड़ना आम लोगों के बीच और अधिक बेचैनी पैदा कर रहा है। कनाडा जैसे देश, जो अपनी स्थिरता और सुरक्षा के लिए जाना जाता है, इन परिवारों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन रहा है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

विदेश नीति और दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम पाकिस्तान की कमजोर होती स्थिति को दर्शाता है। एक विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भारत की ओर से बढ़ते कूटनीतिक दबाव और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख ने पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को असहज कर दिया है। कनाडा में शरण लेना इन नेताओं के लिए एक "बैकअप प्लान" हो सकता है, ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित रह सकें। हालांकि, यह कदम उनकी छवि को और धूमिल कर सकता है।

जनता की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान की जनता और सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे नेताओं की कायरता का प्रतीक मान रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि यह केवल एक अफवाह हो सकती है। भारत में भी इस खबर ने लोगों का ध्यान खींचा है, जहां कई लोग इसे भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने मजाक में कहा, "बिलावल अब कनाडा से ट्वीट करेंगे!"

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