केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग को हरी झंडी दे दी है। इसकी रिपोर्ट से उत्तर प्रदेश के 15 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 8 लाख पेंशनरों को सीधा लाभ मिलेगा। वेतन आयोग की रिपोर्ट 18 महीने में तैयार हो जाएगी, लेकिन ये 1 जनवरी 2026 से ही लागू हो जाएगी।
वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आयोग की सिफारिशें सबसे पहले केंद्रीय सेवाओं में लागू होंगी। उसके बाद राज्यों में इसे अपनाया जाएगा। भारत सरकार की अधिसूचना आने के बाद राज्यों में सबसे पहले उन कर्मचारियों को फायदा होगा, जिनका वेतन राज्य सरकार के बजट से आता है। फिर क्रमशः निगमों तक पहुंचेगा। केंद्र से अधिसूचना जारी होने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा। वहां मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
कर्मचारी संगठनों ने किया जोरदार स्वागतआयोग गठन की मंजूरी पर अलग-अलग कर्मचारी संगठनों ने खुशी जताई है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा कि आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों के वेतन भत्तों, संरचना, वर्किंग कंडीशन आदि पर विचार होगा। अगर सरकार कर्मचारियों से अंशदान लिए बिना पेंशन सुविधा देती है, तो ये पुरानी पेंशन की वापसी जैसा ही होगा। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि वेतन आयोग हर 10 साल बाद आता है, जिसमें पे रिवीजन होता है। इसमें 25 से 30% वेतन बढ़ने की उम्मीद है।
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